आम आदमी के खिलाफ किसी भी निर्णय का करेंगे विरोध : सिसोदिया

सिसोदिया ने कहा कि केजरीवाल सरकार हर उस फैसले का विरोध करेगी जो आम आदमी के हित में नहीं है। भोजन, कपड़ा और मकान हर आम आदमी की बुनियादी जरूरत है और केंद्र सरकार को नीतियां बनाते समय इस बात पर विचार करना चाहिए कि कपड़ा पर वे जो भी जीएसटी लगाएंगे उसका सीधा असर आम आदमी पर पड़ेगा और उनका जीवन अस्त-व्यस्त हो जाएगा।

Update: 2022-01-01 03:57 GMT

श्री राम शॉ

नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल की बैठक में कपड़े पर बढ़े टैक्स को वापस ले लिया गया है। केजरीवाल सरकार ने कपड़े पर टैक्स बढ़ोतरी का विरोध किया था। शुक्रवार को काउंसिल की बैठक में जब मुद्दा उठा तो उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कपड़े पर बढ़े टैक्स को वापस लेने की मांग की। उपमुख्यमंत्री ने काउंसिल की बैठक में टैक्सटाइल इंडस्ट्री को बेहतर बनाए जाने की जरुरत की बात कही।

उन्होंने कहा कि टेक्सटाइल उद्योग देश की अर्थव्यवस्था का मजबूत स्तंभ है। केंद्र सरकार को इसके विकास पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इस उद्योग से देश के 4 करोड़ लोगों को रोजगार मिलता है। इस तरह से यह इंडस्ट्री 4 करोड़ परिवारों को चला रही है। इस उद्योग में जॉब की प्रचुर संभावनाएं हैं। रोटी, कपड़ा और मकान हर एक इंसान की सबसे पहली जरुरत होती है। इसलिए टेक्सटाइल इंडस्ट्री के लिए कोई भी नीति बनाते समय नीति आयोग आम आदमी को ध्यान में रख नीति बनाए। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि केजरीवाल सरकार आम आदमी के साथ हर कदम पर खड़ी है और हम आम आदमी के खिलाफ लिए किसी भी निर्णय का हमेशा जोरदार विरोध करेंगे।

सिसोदिया ने कहा कि केजरीवाल सरकार हर उस फैसले का विरोध करेगी जो आम आदमी के हित में नहीं है। भोजन, कपड़ा और मकान हर आम आदमी की बुनियादी जरूरत है और केंद्र सरकार को नीतियां बनाते समय इस बात पर विचार करना चाहिए कि कपड़ा पर वे जो भी जीएसटी लगाएंगे उसका सीधा असर आम आदमी पर पड़ेगा और उनका जीवन अस्त-व्यस्त हो जाएगा। वर्तमान में 1000 रुपये प्रति पीस तक की बिक्री पर 5% कर लगाया जाता है, लेकिन सरकार ने आने वाले वर्ष में इसे बढ़ाकर 12% करने की घोषणा की थी। इससे आम आदमी का बजट बिगड़ जाता। मुझे खुशी है कि उन्होंने यह फैसला वापस ले लिया है।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कपड़ा उद्योग 4 करोड़ लोगों को रोजगार देता है और कई लोगों की कमाई का जरिया है। केंद्र सरकार को इस क्षेत्र में रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए नीतियां बनाने पर ध्यान देना चाहिए। नीति आयोग को कपड़ा व्यापारियों के साथ मिलकर रणनीतियों और नीतियों पर काम करना चाहिए ताकि व्यापारियों के सामने आने वाले बुनियादी समस्याओं और कराधान के मुद्दों का समाधान किया जा सके और अधिक रोजगार सृजन करने पर काम किया जा सके।

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