बुराड़ी 'हत्या' मामले में पीड़िता के पैरेंट्स को न्याय का इंतज़ार

अंग्रेजी की एक प्रचलित कहावत - " जस्टिस डिलेड, जस्टिस डिनाइड", बुराड़ी की इस घटना पर बिलकुल चरितार्थ होती है क्योंकि पीड़ित परिवार को अब तक न्याय का इंतज़ार है। प्रश्रय के दिन गिन रहे परिवार को अब तक अपनी 21 वर्षीय बेटी की संदिग्ध मौत के मामले में इन्साफ नहीं मिल पाया है।

Update: 2022-03-07 05:52 GMT

श्री राम शॉ

नई दिल्ली। अंग्रेजी की एक प्रचलित कहावत - " जस्टिस डिलेड, जस्टिस डिनाइड", बुराड़ी की इस घटना पर बिलकुल चरितार्थ होती है क्योंकि पीड़ित परिवार को अब तक न्याय का इंतज़ार है। प्रश्रय के दिन गिन रहे परिवार को अब तक अपनी 21 वर्षीय बेटी की संदिग्ध मौत के मामले में इन्साफ नहीं मिल पाया है।

पीड़ित परिवार की ओर से दायर एफआईआर के मुताबिक, बुराड़ी में केबल पार्क के पास रहने वाली 21 वर्षीय कीर्ति लगभग दो साल पहले आज़ाद नाम के एक लड़के के साथ सम्पर्क में आई। धीरे धीरे दोनों में प्रेम हो गया और उन्होने शादी करने का निर्णय किया।

इसके लिए वे दोनों अपने परिजनों के साथ कड़कड़डूमा कोर्ट में शादी की रजिस्ट्री के लिए पहुंचे। पीड़ित परिवार की ओर से वकील मनोज कुमार शर्मा ने 'जनता से रिश्ता' को बताया कि कोर्ट में वे जिन वकीलों के संपर्क में आये उन्होंने पैसे लेकर फर्जी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी किया। कीर्ति की शादी के कुछ घंटे बाद ही उसके पति मुहम्मद आजाद ने चाकुओं से कई वार कर हत्या कर दी। 14 अक्टूबर को कीर्ति ने आजाद से कोर्ट में प्रेम विवाह किया था। मामले में पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित पेशे से ग्रामीण सेवा चालक है।

पुलिस के मुताबिक मूलरूप से यूपी के एटा जिले की रहने वाली वाली कीर्ति परिवार सहित बाहरी दिल्ली के मुकुंदपुर इलाके में रहती थी। वह अपनी मां के साथ माडल टाउन स्थित कोठियों में घरेलू काम करने के लिए जाती थी। मोहम्मद आज़ाद मूलरूप से यूपी के बिजनौर का रहने वाला है।

पुलिस जांच में पता चला है कि आरोपित ने शराब पीने पर कीर्ति के डांटने से नाराज होकर सब्जी काटने वाले चाकू से कई वारकर हत्या कर दी। आरोपी ने बताया कि कीर्ति से कई सालों से उसका प्रेम प्रसंग चल रहा था। 14 अक्टूबर को दोनों ने कोर्ट मैरिज कर ली, लेकिन उसके बाद से दोनों के बीच मनमुटाव हो गया और झगड़े होने लगे। विवाद इतना बढ़ा कि उसने कीर्ति की हत्या कर दी।

आरोपित को पकड़ने के लिए आठ टीमें बनाई गई थीं। कीर्ति ने अपने परिवार की मर्जी के खिलाफ आजाद से कोर्ट में प्रेम विवाह किया था। जिस मकान में कीर्ति की हत्या हुई थी, उसकी छत से ही वारदात में इस्तेमाल किया गया चाकू बरामद कर लिया गया है।

बहरहाल, कीर्ति के माता-पिता ने अब इन्साफ के लिए तीस हज़ारी कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। लेकिन चार महीने बीत जाने के बाद भी उन्हें न्याय का इंतज़ार है।


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