कांग्रेस महासचिव पद से हटाए जा सकते हैं वेणुगोपाल !
अंदरूनी कलह से जूझ रही कांग्रेस पार्टी अब तक इस संकट से ऊबर नहीं पाई है। सूत्रों की मानें तो राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस को संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के चलते समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
श्री राम शॉ
नई दिल्ली (जसेरि)। अंदरूनी कलह से जूझ रही कांग्रेस पार्टी अब तक इस संकट से ऊबर नहीं पाई है। सूत्रों की मानें तो राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस को संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के चलते समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। माना जा रहा है कि मौजूदा परिस्थितियों में पार्टी आलाकमान वेणुगोपाल के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें इस पद से हटा सकता है।
सूत्रों का कहना है कि वेणुगोपाल की वजह से ही पार्टी में समस्या है। उनमें संगठन की क्षमता नहीं है और उनके चलते ही समस्याएं पैदा हो रही हैं। गोवा, छत्तीसगढ़, पंजाब या फिर कोई भी राज्य हो, पार्टी को वेणुगोपाल की स्किल कमजोर होने की वजह से समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वेणुगोपाल के ऊपर ज्यादा दबाव और काम होने की वजह से पार्टी में वह अपने काम को निष्ठापूर्वक अंजाम नहीं दे पा रहे हैं। यह भी एक वजह उभर कर सामने आई है जिस कारण पार्टी आलाकमान ने यह मन बना लिया है कि वेणुगोपाल को किसी अन्य जगह पदस्थ कर उनके कार्य का विभाजन करना ही उचित रहेगा। ऐसी जानकारी एसीसी के सूत्रों से आ रही है। 10 मार्च के उपरांत कांग्रेस में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है और उस बड़े बदलाव में कुछ वर्तमान पदाधिकारियों का पत्ता साफ हो सकता है और पुराने वरिष्ठ कांग्रेसजनों को पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। मगर यह बातें अभी भविष्य के गर्भ में हैं और 10 मार्च के बाद ही पूरी तस्वीर साफ़ हो पायेगी।
सूत्रों का यह भी कहना है कि उनका काम सिर्फ यही नहीं है कि जब राहुल गांधी केरल आएं तो वह उनकी कार में सवार रहें। उनका काम पार्टी को मजबूत करना भी है जिसमें वह नाकाम होते दिख रहे हैं।
गौरतलब है कि विगत महीनों में केरल से पार्टी नेता पीएस प्रशांत ने कहा था कि पलक्कड़ जिले की कांग्रेस यूनिट के अध्यक्ष रहे एवी गोपीनाथ ने भी केसी वेणुगोपाल की वजह से ही पार्टी छोड़ी थी। दरअसल वेणुगोपाल जिले स्तर की राजनीति में भी दखल दे रहे थे और उसके चलते ही उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था। कांग्रेस से निष्कासित नेता ने आरोप लगाया था कि केरल में संगठन में पैदा हुई समस्याओं की मुख्य वजह केसी वेणुगोपाल ही हैं। उनकी वजह से ही पलक्कड़ जिले के प्रेसिडेंट एवी गोपीनाथ ने भी पार्टी छोड़ दी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि केरल में ऐसे किसी भी व्यक्ति को कोई पद नहीं मिलता है, जिसकी व्यक्तिगत तौर पर वेणुगोपाल से निष्ठा न हो।
नाम नहीं छापने की शर्त पर एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने कहा कि स्पष्ट तौर पर वेणुगोपाल के ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) में आने के उपरांत सबसे बड़ी समस्या हिंदी भाषा के कारण आती है। दूसरा जो प्रमुख कारण है वह यह है कि वेणुगोपाल आलाकमान के नाम को ढाल बनाकर कई बार कई वरिष्ठ नेताओं का अनादर कर चुके हैं। इसकी वजह से वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं को अपमान का घूंट पीकर रहना पड़ता है। वेणुगोपाल अधिकांश समय बड़े नेताओं का फोन अटेंड नहीं करते और फोन पर बात भी नहीं करते और मिलने का तो सवाल ही नहीं उठता। इस वजह से पार्टी में भारी असंतोष है और इसकी जानकारी आलाकमान को हो चुकी है।
वेणुगोपाल केरल के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं में से एक हैं। यूपीए सरकार में नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री वेणुगोपाल ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के छात्र आंदोलन के माध्यम से राजनीति में कदम रखा और केरल छात्र संघ के राज्य अध्यक्ष और भारतीय युवा कांग्रेस के राज्य अध्यक्ष बने। वे वर्तमान में केरल में अलाप्पुझा निर्वाचन क्षेत्र के सांसद के रूप में सेवारत हैं।