जबलपुर सीपीआरओ : अब म्यांमार को भी भारत से रेल लाइन से जोड़ने की तैयारी, पाकिस्तान और बांग्लादेश भी जुड़ चुके है

Update: 2022-01-06 08:52 GMT

पाकिस्तान और बांग्लादेश के बाद अब म्यांमार भी भारत से रेल लाइन से जुड़ जाएगा. इससे भारत और म्यांमार को जोड़ने वाली नई रेल परियोजना साउथ ईस्ट एशिया में थाईलैंड, मलेशिया और सिंगापुर तक कनेक्टिविटी देगी.

पाकिस्तान और बांग्लादेश के बाद अब म्यांमार भी भारत से रेल लाइन से जुड़ जाएगा. माना जा रहा है कि भारत और म्यांमार को जोड़ने वाली नई रेल परियोजना आगे साउथ ईस्ट एशिया में थाईलैंड, मलेशिया और सिंगापुर तक कनेक्टिविटी देगी. पश्चिम मध्य रेल जबलपुर की सीपीआरओ राहुल जयपुरियार ने एक प्रेस वक्तव्य में बताया कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को इम्फाल के अपने दौरे पर रेलवे परियोजनाओं का हवाई निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने भारत और म्यांमार को जोड़ने वाली एक नई ब्रॉडगेज लाइन के निर्माण के लिए सर्वेक्षण की मंजूरी दे दी. यह इंफाल-मोरेह खंड में 111 किमी की लाइन होगी जो म्यांमार के अंतिम रेलवे स्टेशन टामू के लिए कनेक्टिविटी देगा.

भारत के साथ रेल लाइन से जुड़ेगा म्यांमार

नार्थ-ईस्ट के विदेशी बॉर्डर वाले राज्यों में इन रेल लाइनों के माध्यम से आने वाले वर्षों में भारत-म्यांमार और बांग्लादेश के साथ नए रेल लिंक को भी जोड़ेगा.अभी भारतीय इलाके में इंफाल तक ही रेल लाइन है. इसे अपनी सीमा में मोरेह तक बढ़ाया जाएगा.मोरेह को म्यांमार के अंतिम रेल स्टेशन टामू से जोड़ा जाएगा. भारतीय रेल नई परियोजनाओं को गति प्रदान करते हुए रेलवे विकास में उतरोत्तर वृद्धि की ओर बढ़ रहा है. गौरतलब है कि रेल मंत्रालय ने भारत और म्यांमार को जोड़ने वाली एक नई बीजी लाइन के निर्माण के लिए लगभग 111 किलोमीटर के इंफाल-मोरेह खंड के अंतिम स्थान सर्वेक्षण के लिए मंजूरी दे दी है.

5 जनवरी को रेल मंत्री ने दिया आदेश

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार 5 जनवरी 2022 को इम्फाल के अपने दौरे पर रेलवे परियोजनाओं का हवाई निरीक्षण किया और मोरेह तक नई लाइन के लिए सर्वेक्षण के आदेश दिए. एक बार बन जाने के बाद यह नई लाइन रणनीतिक महत्व की होगी और प्रस्तावित ट्रांस-एशियन रेलवे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनेगी जो रेल नेटवर्क पर भारत को दक्षिण पूर्व एशिया से जोड़ेगी. मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. वीरेन्द्र सिंह ने भी उनके साथ परियोजनाओं का हवाई निरीक्षण किया.

परियोजना की मुख्य विशेषताएं

परियोजना की लंबाई :- 111 किमी

लागत :- 14,323 करोड़ रुपये (जिरिबान-वांगईचुंगपाओ)

कनेक्टिविटी - यह 110.625 किलोमीटर की नई लाइन इंफाल (मणिपुर की राजधानी) को कनेक्टिविटी प्रदान करेगी.

कुल सुरंग की लंबाई :- 62.7 किमी (कुल लंबाई का 56.68%)

सबसे लंबी सुरंग:- 10.28 कि.मी.

प्रमुख पुल: 3.1 किमी, लघु पुल: 0.76 किमी (कुल लंबाई का 3.53%)

सबसे ऊंचा पुल :- घाट की ऊंचाई 141 मीटर, कुल लंबाई - 703 मीटर)

स्टेशन: - कुल 10 स्टेशन


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