खतरनाक ड्रोन भारत के पास, सुरक्षा चक्र होगा मजबूत, एमक्यू-9बी की खासियत?

नई दिल्ली: एलओसी और एलएसी पर पाकिस्तान और चीन के साथ भारत के संबंध काफी खराब हैं। सीमा पार से आतंकी घुसपैठ की चुनौती बनी रहती है। इस सबके बीच दुनिया के सबसे घातक मानवरहित हवाई वाहनों (यूएवी) में शामिल एमक्यू-9बी प्रीडेटर जल्द ही भारत की सेना को मिलने वाला है। इसे रीपर ड्रोन के …

Update: 2024-02-03 02:22 GMT

नई दिल्ली: एलओसी और एलएसी पर पाकिस्तान और चीन के साथ भारत के संबंध काफी खराब हैं। सीमा पार से आतंकी घुसपैठ की चुनौती बनी रहती है। इस सबके बीच दुनिया के सबसे घातक मानवरहित हवाई वाहनों (यूएवी) में शामिल एमक्यू-9बी प्रीडेटर जल्द ही भारत की सेना को मिलने वाला है। इसे रीपर ड्रोन के नाम से भी जाना जाता है।

आपको बता दें कि भारत ने करीब छह साल पहले इस ड्रोन में रुचि दिखाई थी। अब जाकर गुरुवार को अमेरिका ने 390 करोड़ अमेरिकी डॉलर की अनुमानित लागत पर 31 यूएवी की बिक्री को मंजूरी दे दी है। आने वाले कुछ ही महीनों में दोनों देशों के बीच एक औपचारिक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।

आपको बता दें कि 31 में से नौसेना को 15 सी गार्जियन ड्रोन मिलेंगे। इसके अलाना, वायु सेना और थल सेना दोनों को ही आठ-आठ स्काई गार्जियन ड्रोन मिलेंगे। भारत में अभी 'हंटर-किलर' ड्रोन का उपयोग होता है, लेकिन इस रीपर ड्रोन के आने से सेना की ताकत और बढ़ जाएगी।

पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध के बाद सरकार ने अमेरिका से एक साल के लिए दो एमक्यू-9बी सी गार्जियन ड्रोन पट्टे पर लिए थे। ड्रोन का इस्तेमाल हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी गतिविधि पर नजर रखने के लिए किया गया था। बाद में लीज अवधि बढ़ा दी गई। अब इस ड्रोन के साथ भारतीय सेना आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाने में और अधिक सक्षम हो जाएगी।

इसकी गति और मारक क्षमता इसे सर्वोच्च बनाता है। इसके अलावा इसकी पिन-ड्रॉप साइलेंस के साथ काम करने की क्षमता के कारण दुनिया भर की सेनाओं की यह पसंद बन चुका है। ड्रोन लक्ष्य के बिना जमीन से 250 मीटर के करीब तक उड़ सकता है। यह ड्रोन एक कॉमर्सियल विमान से भी अदिक ऊंची उड़ान भर सकता है। जो कि जमीन से लगभग 50,000 फीट ऊपर है। इसकी अधिकतम गति 275 मील प्रति घंटे यानी कि 442 किमी/घंटा है।

यह किसी भी मौसम में लंबे मिशन पर तैनात होने की क्षमता रखता है। एक प्रीडेटर ड्रोन चार मिसाइलों और लगभग 450 किलोग्राम बम सहित लगभग 1,700 किलोग्राम पेलोड ले जा सकता है। एक बार ईंधन भरने पर यह 2,000 मील की यात्रा कर सकता है।

इसे जनरल एटॉमिक्स एरोनॉटिकल सिस्टम्स के द्वारा तैयार किया गया है। ड्रोन लगातार 35 घंटे तक उड़ान भर सकता है। हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के अलावा ड्रोन हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों से भी लैस हो सकता है। यह इसे अद्वितीय बनाता है।

अमेरिका निगरानी और खुफिया जानकारी जुटाने के हलावा हवाई हमलों के लिए प्रीडेटर ड्रोन का उपयोग करता है। यह ड्रोन सिस्टम किफायती भी है।

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