कांग्रेस का तीन दिवसीय चिंतन शिविर, लॉकर रूम में सभी नेताओं के मोबाइल फोन, जानें क्यों?
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पांच राज्यों के विधान सभा चुनाव में बुरी तरह हारने के बाद कांग्रेस एक बार फिर पार्टी में दम भरने की पूरी कोशिश में लग गई है. इस क्रम में कांग्रेस का बड़ा कदम राजस्थान के उदयपुर में 'चिंतन शिविर' के आयोजन के रूप में देखा जा सकता है. यहां गौर करने वाली बात यह है कि कांग्रेस चिंतन शिविर में नेताओं को मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं है. आइये आपको बताते हैं आखिरकार कांग्रेस ने ऐसा कदम उठाने का फैसला क्यों किया.
कांग्रेस का बड़ा फैसला
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 'नव संकल्प चिंतन शिविर' शुरू होने से ठीक पहले शुक्रवार को पार्टी नेताओं और प्रतिनिधियों से उनके फोन परिसर के बाहर रखने का आग्रह किया. कांग्रेस ने यह कदम सिर्फ इसलिए उठाया है कि बैठक की महत्वपूर्ण जानकारी लीक न हो सके.
कांग्रेस का तीन दिवसीय चिंतन शिविर
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और गांधी परिवार तीन दिवसीय चिंतन शिविर के लिए राजस्थान के उदयपुर में हैं. इसे 'नव संकल्प चिंतन शिविर' भी कहा जा रहा है. चिंतन शिविर में 2024 के आम चुनावों की रणनीति, ध्रुवीकरण की राजनीति का मुकाबला करने के तरीकों पर चर्चा की जा रही है.
लॉकर रूम सभी नेताओं के मोबाइल फोन
सूत्रों ने कहा, 'कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संबोधन से पहले सभी के फोन लॉकर रूम में रखने की घोषणा की गई थी. कांग्रेस पार्टी की अहम बैठकों के दौरान सूचना लीक होने को लेकर कांग्रेस पार्टी गंभीर रही है. पिछली दो कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठकों के लिए, सदस्यों को सूचना के लीक को रोकने के लिए अपने फोन जमा करने के लिए कहा गया है.
'अब समय है कर्ज चुकाओ'
चिंतन शिविर के दौरान कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सभा को संबोधित करते हुए सभी वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा, 'पार्टी ने हम सभी को बहुत कुछ दिया है. अब समय है कर्ज चुकाओ. पार्टी ने 'सब कुछ दिया'. सभी को अपने विचार खुले रखने चाहिए.'