अन्य निगमों की तरह दिल्ली नगर निगमों को भी फंड दे केंद्र : मनीष

केजरीवाल सरकार ने केंद्र से मांग की है कि देश के अन्य निगमों के लिए आवंटित फंड में से केंद्र सरकार दिल्ली के नगर निगमों को भी फंड मुहैया करे। दिल्ली नगर निगमों पर यह जिम्मेदारी है कि वो देश की राजधानी दिल्ली को साफ सुथरा रखें। राजधानी किसी देश के चेहरे की तरह होती है लेकिन आज दिल्ली के नगर निगम फंड की कमी से जूझ रहे हैं।

Update: 2021-12-31 04:05 GMT

श्री राम शॉ

नई दिल्ली। केजरीवाल सरकार ने केंद्र से मांग की है कि देश के अन्य निगमों के लिए आवंटित फंड में से केंद्र सरकार दिल्ली के नगर निगमों को भी फंड मुहैया करे। दिल्ली नगर निगमों पर यह जिम्मेदारी है कि वो देश की राजधानी दिल्ली को साफ सुथरा रखें। राजधानी किसी देश के चेहरे की तरह होती है लेकिन आज दिल्ली के नगर निगम फंड की कमी से जूझ रहे हैं। इसलिए केंद्र सरकार जिस तरह से देश के अन्य नगर निगमों को पंड मुहैया कराती है वैसे ही दिल्ली नगर निगमों को भी फंड मुहैया करे।

ये बातें दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय बजट पहले देश भर के वित्त मंत्रियों की बुधवार को आयोजित बैठक में कही। उन्होंने इस बैठक में दिल्ली की 6 महत्वपूर्ण मांगें रखी। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन से दिल्ली सहित सभी राज्यों की आर्थिक व्यवस्था पर भारी असर पड़ा है इसलिए केंद्र सरकार जीएसटी कंपनसेशन को आगे बढ़ाए। साथ ही पिछले 21 साल से केंद्रीय टैक्स में से दिल्ली को सिर्फ 325 करोड़ रुपए मिलता रहा है, अब जरुरत है कि केंद्र सरकार इसमें बढ़ोतरी करे।

उन्होंने कहा कि आज से 21 साल पहले सेंट्रल असिस्टेंस दिल्ली के बजट का 5.14 हुआ करता था जो अब घटकर 0.9 फीसदी हो गया है। उन्होंने कहा कि हमने गृह मंत्री को अलग से पत्र लिखकर दिल्ली को 1925 करोड़ की केंद्रीय सहायता मुहैया करने का अनुरोध किया है। दिल्ली को फंड आवंटन में व्यापक विसंगतियां हैं उसे केंद्र सरकार दूर करे। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली के प्रदूषण को दूर करने के लिए केजरावाल सरकार की ई- वेहिकल पॉलिसी लेकर आई है। लेकिन ये तभी सफल होगी जब हम ज्यादा से ज्यादा चार्जिंग प्वाइंट बनाएंगे। लेकिन दिल्ली सरकार के पास जमीन नहीं है। जमीन डीडीए के पास है। तो इसमें केंद्र सरकार मदद करे और डीडीए चार्जिंग प्वाइंट बनाए।

उन्होंने कहा कि दिल्ली की अर्थव्यवस्था, देश की अर्थव्यवस्था में अच्छा योगदान दे रही है। 2020-21 में करंट प्राइसेस पर दिल्ली की जीएसडीपी नेशनल जीडीपी का 4.04 परसेंट रहा है। जबकि दिल्ली की आबादी देश की आबादी का 1.49 फीसदी है। राज्य सरकार की मार्केट फ्रेंडली नीति, हेल्थ और एजुकेशन जैसे सोशल सेक्टर में इन्वेस्टमेंट की वजह से दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय में भी काफी सुधार हुआ है। इस वक्त दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय 3 लाख 54 हजार रुपए है। जो कि राष्ट्रीय औसत का 3 गुना है। इसमें सरकार की बहुत सारी नीतियों का स्टार्टअप पॉलिसी और इन सब का योगदान रहा है।

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