चीन और ताइवान में होगा युद्ध? Apple ने सप्लायर्स से कही यह बात, जानें डिटेल्स
नई दिल्ली: चीन और ताइवान के बीच जारी तनातनी का असर बाजार पर दिखने लगा है. दोनों ही देश स्मार्टफोन, लैपटॉप और इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों के लिए महत्वपूर्ण हैं. हाल में अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान के दौरे की वजह से चीन भड़का हुआ है. ताइवान की घेराबंदी करके चीन फायर ड्रिल कर रहा है.
इन वजहों से कंपनियों को व्यापार से जुड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. दिग्गज स्मार्टफोन निर्माता कंपनी ऐपल ने अपने सप्लायर्स ने चीन के नियमों का पालन करने को कहा है.
कंपनी ने ताइवान से चीन जा रहे शिपमेंट्स के लिए चीनी नियमों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश किया है. शुक्रवार को ऐपल ने अपने सप्लायर्स से कहा कि चीन ने ताइवन में बने पार्ट्स पर कड़े नियम लागू करना शुरू कर दिया है.
Nikkei Asia से जुड़े सूत्रों ने बताया है कि ऐपल ने इसे लेकर सप्लायर्स को चेतावनी दी है. कंपनी ने कहा है कि ताइवान से चीन जा रहे पार्ट्स और कंपोनेंट्स पर 'ताइवान, चीन' या 'चीनी ताइपे' लेबल होना चाहिए.
अमेरिकी कंपनी ने सप्लायर्स ने मामले में तेजी दिखाने के लिए कहा है, जिससे सामान और कंपोनेंट्स को स्क्रूटनिंग के वक्त किसी दिक्कत का सामना ना करना पड़े.
दरअसल, यह वक्त ऐपल के लिए काफी सेंसिटिव है. अगले महीने कंपनी iPhone 14 सीरीज और दूसरे प्रोडक्ट्स लॉन्च करने वाली है. ऐसे में किसी भी दिक्कत का मतलब है कि शिपमेंट में देरी और इसका सीधा असर कंपनी की लॉन्चिंग पर पड़ेगा.
सूत्रों की मानें तो किसी इंपोर्टेड डिक्लेरेशन फॉर्म, डॉक्यूमेंट या कार्टन पर 'Made In Taiwan' लिखा होने से शिपमेंट को चीनी कस्टम जांच का सामना करना पड़ेगा. इस तरह के नियमों के उल्लंघन पर 4000 युआन (लगभग 47 हजार रुपये) का जुर्माना भी है. इसके अलावा शिपमेंट रिजेक्ट भी हो सकता है.
ऐपल ने यह चेतवानी गुरुवार को एक शिपमेंट रिव्यू के लिए भेजे जाने के बाद दी है. कंपनी के सप्लायर Pegatron का ताइवान से आ रहा शिपमेंट गुरुवार को चीन में रिव्यू के लिए भेज दिया गया.
हालांकि, इस मामले में ऐपल ने Nikkei Asia के सवालों का जवाब नहीं दिया है. चीन ताइवान पर लंबे समय से अपना दावा करता आया है. हाल में ही अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी के दौरे का भी चीन में खुलकर विरोध किया था.