WhatsApp यूजर्स पर बिना क्लिक किए भी हैक हो सकता है फोन, जानें कैसे

Update: 2025-02-10 07:03 GMT
WhatsApp टेक न्यूज़ : डिजिटल युग में हमारी ऑनलाइन गतिविधियों में वृद्धि के साथ, साइबर हमले का खतरा भी लगातार बढ़ रहा है। आमतौर पर हम फिशिंग लिंक या संदिग्ध फाइलों से बचकर खुद को सुरक्षित रख सकते हैं, लेकिन अब जीरो-क्लिक हैक जैसी तकनीकें सामने आ रही हैं, जिसमें हैकर्स बिना किसी लिंक पर क्लिक किए डिवाइस को हैक कर रहे हैं। आइये सबसे पहले जानते हैं कि यह जीरो-क्लिक हैक क्या है और यह कैसे काम करता है…
यह जीरो-क्लिक हैक क्या है?
यह एक साइबर हमला है जिसमें हैकर्स बिना किसी उपयोगकर्ता इनपुट के डिवाइस को हैक कर लेते हैं। पारंपरिक फ़िशिंग हमलों के विपरीत, इसमें किसी लिंक पर क्लिक करने या किसी संदिग्ध फ़ाइल को डाउनलोड करने की आवश्यकता नहीं होती है। हैकर्स फोन के सॉफ्टवेयर की खामियों का फायदा उठाते हैं और मैसेजिंग एप्स, ईमेल क्लाइंट या मल्टीमीडिया प्रोसेसिंग सिस्टम के जरिए डिवाइस को हैक कर लेते हैं, जो बेहद खतरनाक है।
90 से अधिक उपयोगकर्ताओं पर हमला
आपको बता दें कि कुछ समय पहले व्हाट्सएप ने खुलासा किया था कि एक इजरायली कंपनी पैरागॉन सॉल्यूशंस द्वारा बनाए गए स्पाइवेयर से 90 से अधिक यूजर्स को निशाना बनाया गया था। यह स्पाइवेयर बिना किसी चेतावनी के पत्रकारों और नागरिक समाज के सदस्यों को संक्रमित कर रहा था।
अब समझिए जीरो-क्लिक हैक कैसे काम करता है?
सबसे पहले, हैकर्स डिवाइस पर दुर्भावनापूर्ण फ़ाइलें भेजते हैं, जिन्हें सिस्टम स्वचालित रूप से प्रोसेस करता है। इसके बाद, दुर्भावनापूर्ण फ़ाइलें स्वचालित रूप से संदेशों, कॉल, फोटो, माइक्रोफ़ोन और कैमरे तक पहुंच प्राप्त कर लेती हैं। यह हमला इतनी चतुराई से किया जाता है कि उपयोगकर्ता को इसकी जानकारी भी नहीं होती।
जीरो-क्लिक हैक से कैसे बचें?
इस खतरनाक साइबर हमले से बचने के लिए अपने ऐप्स और डिवाइस को हमेशा अपडेट रखें ताकि नए सुरक्षा पैच इंस्टॉल किए जा सकें। ऐसा इसलिए क्योंकि यह हैक तभी काम करेगा जब सॉफ्टवेयर में कोई खामी होगी। इसलिए फोन को अपडेट रखना बहुत जरूरी है। इतना ही नहीं, अगर अचानक बैटरी खत्म होने लगे, अनजान मैसेज आने लगें या ऐप्स अजीब व्यवहार करने लगें तो सावधान हो जाएं।
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