हमने 2.4 मिलियन भारतीयों को एआई स्किल के साथ बनाया सशक्त: माइक्रोसॉफ्ट

Update: 2025-01-07 11:34 GMT
नई दिल्ली: माइक्रोसॉफ्ट ने मंगलवार को कहा कि कंपनी ने सिविल सर्वेंट्स, कॉलेज स्टूडेंट्स और विकलांग लोगों सहित 2.4 मिलियन भारतीयों को एआई स्किल के साथ सशक्त बनाया है। पिछले साल, माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन और सीईओ सत्या नडेला ने 2025 तक दो मिलियन व्यक्तियों को एआई स्किल से लैस करने के लिए भारत-विशिष्ट पहल शुरू की थी।
माइक्रोसॉफ्ट इंडिया और दक्षिण भारत के अध्यक्ष पुनीत चंडोक ने एक बयान में कहा, "हमारा उद्देश्य न केवल रोजगार क्षमता को बढ़ाना है, बल्कि डिजिटल डिवाइड को पाटना और प्रत्येक भारतीय के लिए अधिक इंक्लूसिव भविष्य बनाना है।" कार्यक्रम में शामिल लोगों ने कहा कि जैसे-जैसे एआई टूल का इस्तेमाल वर्कफोर्स में फैलता है, वैसे-वैसे एआई टूल का इस्तेमाल न सीखने वाले लोग पीछे छूटने का जोखिम उठाते हैं।
यूपी सरकार की विशेष सचिव, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स नेहा जैन ने कहा, "एक समय था जब इंसानों ने आग की खोज की थी और उससे डरते थे। लेकिन फिर हमने इसे चैनलाइज करना और इसका अच्छा इस्तेमाल करना सीखा। इसी तरह, एआई का इस्तेमाल मानवता के लाभ के लिए बुद्धिमानी से किया जाना चाहिए।" सोमवार को पीएम मोदी ने सत्या नडेला से मुलाकात की और कहा कि उन्हें देश में टेक दिग्गज की महत्वाकांक्षी विस्तार और निवेश योजनाओं के बारे में जानकर खुशी हुई।
नडेला ने प्रधानमंत्री को उनके नेतृत्व के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि टेक कंपनी भारत को एआई-फर्स्ट बनाने की प्रतिबद्धता और इस एआई प्लेटफॉर्म बदलाव से प्रत्येक भारतीय को लाभ सुनिश्चित करने के लिए देश में निरंतर विस्तार पर मिलकर काम करने के लिए उत्साहित हैं। माइक्रोसॉफ्ट के एआई टूल, जैसे कोपाइलेट, टेकसक्षम और सीईंग एआई ने देश में एआई स्किल पहलों के जरिए लोगों के जीवन को बदला है।
उदाहरण के लिए, 33 वर्षीय राघवेंद्र प्रताप सिंह, जो उत्तर प्रदेश सरकार में समीक्षा अधिकारी (रिव्यू ऑफिसर) हैं और नई नीतियों का विश्लेषण करते हैं और फिर उन्हें लागू करने के लिए जिम्मेदार स्थानीय अधिकारियों को प्रसारित करने में मदद करते हैं, ने इन एआई टूल को उपयोगी पाया है। कुछ महीने पहले, सिंह ने माइक्रोसॉफ्ट द्वारा राज्य आईटी एजेंसी के साथ मिलकर चलाए जा रहे एक दिवसीय डिजिटल स्किल कोर्स में भाग लिया।
उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट कोपायलेट और वर्ड, पावरप्वाइंट और एक्सल के लिए कोपायलेट के साथ-साथ ओपनएआई के चैटजीपीटी जैसे टूल्स सीखे। इसके बाद उन्होंने दस्तावेजों को समराइज करने और पत्रों का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए एआई टूल्स का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है।
उन्होंने कहा, "एक पत्र जिसे तैयार करने में एक घंटे का समय लग सकता था, अब 40 से 45 मिनट लगते हैं।" उन्होंने कहा, "एआई इसे बेहतर पत्र बनाता है। पहले एआई कभी-कभी एक छोटी सी बात को समझने से चूक जाता था, लेकिन अब यह सटीक पॉइंटर्स को बेहतर तरीके से समझ पाता है। उन्होंने बताया कि वे अदालती आदेशों का अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद करने के लिए भी एआई का इस्तेमाल करते हैं, ताकि वे उन्हें बेहतर ढंग से समझ सकें और अन्य अधिकारियों को इसके बारे में बता सकें।
माइक्रोसॉफ्ट और उत्तर प्रदेश डेवलपमेंट सिस्टम्स कारपोरेशन (यूपीडीईएससीओ) द्वारा संचालित और एआईएसईसीटी नामक एक सामाजिक उद्यम द्वारा चलाया जा रहा डिजिटल कोर्स एआई, डिजिटल प्रोडक्टिविटी और साइबर सिक्योरिटी को एक ही सिंगल दिन में कवर करता है।
इसी तरह, पुणे की 21 वर्षीय जुई श्रीकांत बिदाये ने एक पेशेवर कबड्डी खिलाड़ी बनने का सपना देखा। महाराष्ट्र के ग्रामीण देवगढ़ में हाई स्कूल से स्नातक करने के बाद, वह पुणे विश्वविद्यालय के एनबीएन सिंहगढ़ स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग में इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी में स्नातक की पढ़ाई करने के लिए 321 किलोमीटर से अधिक दूर चली गईं।
विश्वविद्यालय के प्रशिक्षण और प्लेसमेंट अधिकारी ने उन्हें माइक्रोसॉफ्ट और एसएपी की पहल 'टेकसक्षम' में भाग लेने का सुझाव दिया, जो छात्रों को एआई टूल्स से परिचित कराता है। वह छह महीने की इंटर्नशिप में सिक्योर फाइल स्टोरेज एप्लीकेशन बनाने पर काम कर रही हैं, जिसमें एआई टूल्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्हें उम्मीद है कि इस साल जून में कॉलेज से स्नातक होने के बाद यह इंटर्नशिप उन्हें एक परमानेंट जॉब ऑफर करवाने में मददगार होगी।
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