हम प्राइवेट कंपनी, फ्री स्पीच के अधिकारों को लागू करने के लिए बाध्य नहीं : फेसबुक, इंस्टा

Update: 2022-05-06 06:42 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क : लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स इंस्टाग्राम और फेसबुक की पेरेंट कंपनी 'मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक' ने दिल्ली हाईकोर्ट में दावा किया है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 (फ्री स्पीच) के तहत अधिकारों को उसके खिलाफ लागू नहीं किया जा सकता है, क्योंकि यह एक है निजी संस्था है जो किसी सार्वजनिक दायित्व का निर्वहन नहीं करती है. एक इंस्टाग्राम अकाउंट को डिसेबल करने के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका के जवाब में​ दिए हलफनामे में, यूएस-आधारित मेटा कंपनी ने कहा, 'इंस्टाग्राम सर्विस एक स्वतंत्र और स्वैच्छिक मंच है, जो एक निजी अनुबंध द्वारा शासित है. याचिका दायर करने वाले उपयोगकर्ता के पास इसका उपयोग करने का कोई मौलिक अधिकार नहीं है.'

दिल्ली हाईकोर्ट ने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों द्वारा कई उपयोगकर्ताओं के अकाउंट्स को सस्पेंड करने और डिसेबल करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सीज कर लिया है. मेटा ने दिल्ली हाईकोर्ट में तर्क दिया कि वह 'सार्वजनिक कर्तव्य' करने के लिए बाध्य नहीं है, और जब किसी उपयोगकर्ता के खिलाफ उसके और कंपनी के बीच निजी अनुबंध के अनुसार कार्रवाई की जाती है, तो इसका परिणाम 'दो निजी पार्टियों के बीच अनुबंधात्मक विवाद' होता है.


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