US court ने Google को दिया बड़ा झटका, गैर कानूनी मोनोपॉली मामले में कसा शिकंजा

Update: 2024-08-07 06:09 GMT
 US courtटेक न्यूज:  अमेरिकी प्रौद्योगिकी कंपनी गूगल को बड़ा झटका लगा है। अमेरिका की एक अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि गूगल ने एंटी-ट्रस्ट कानून का उल्लंघन किया है। इसने दुनिया का डिफॉल्ट सर्च इंजन बनने के लिए अरबों डॉलर खर्च किए हैं और इंटरनेट सर्च में अवैध एकाधिकार बनाया है। यह बड़ी टेक कंपनियों के बाजार प्रभुत्व के खिलाफ संघीय अधिकारियों की पहली बड़ी जीत है। इस फैसले ने गूगल के कामकाज में बड़े बदलावों को निर्धारित करने के लिए एक और मुकदमे का
रास्ता खोल दिया है।
अमेरिका में वाशिंगटन डिस्ट्रिक्ट जज अमित मेहता ने अपने फैसले में कहा, "कोर्ट इस नतीजे पर पहुंचा है कि गूगल द्वारा एकाधिकार कायम किया जा रहा है।" हालांकि, डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ अपील की जा सकती है। इससे गूगल को चलाने वाली कंपनी अल्फाबेट के शेयरों में करीब 4.5 फीसदी की गिरावट आई। पिछले साल गूगल को विज्ञापन से जो राजस्व मिला, वह अल्फाबेट की कुल बिक्री का 77 फीसदी था। अल्फाबेट ने कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ अपील करने की योजना बना रही है। गूगल ने एक बयान में कहा, "यह फैसला दिखाता है कि गूगल सबसे अच्छा सर्च इंजन पेश करता है, लेकिन यह निष्कर्ष निकालता है कि हमें इसे आसानी से उपलब्ध कराने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।"
इस साल की शुरुआत में iPhone बनाने वाली कंपनी Apple के खिलाफ अमेरिका में स्मार्टफोन बाजार में गलत तरीके से एकाधिकार बनाने के आरोप में कानूनी मामला दर्ज किया गया था। यह मामला अमेरिकी न्याय विभाग ने दर्ज किया था। अमेरिकी सरकार ने बड़ी टेक कंपनियों पर शिकंजा कस दिया है। इससे पहले सोशल मीडिया साइट Facebook को नियंत्रित करने वाली Meta Platforms और ई-कॉमर्स कंपनी Amazon के खिलाफ भी कानूनी मामले दर्ज किए गए थे।
Apple पर अपने स्मार्टफोन पर मैसेजिंग ऐप और स्मार्टवॉच चलाना मुश्किल बनाने का आरोप है। गेम्स के लिए स्ट्रीमिंग सेवाओं से जुड़ी इसके ऐप स्टोर की नीति ने प्रतिस्पर्धियों को नुकसान पहुंचाया है। कंपनी की कारोबारी प्रथाओं के लिए यूरोप, दक्षिण कोरिया और जापान में भी जांच की गई है। इसके अलावा एपिक गेम्स जैसे प्रतिद्वंद्वियों ने भी कंपनी को अदालत में घसीटा।
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