दुश्मनों के लिए सबसे खतरनाक ड्रोन, बम-मिसाइल से है लैस, जानें और भी खूबियां
भारतीय वायु सेना के जम्मू एयरबेस पर जून में ड्रोन हमला किया गया था. इसके बाद से ही ड्रोन हमले के खतरे को लेकर काफी चर्चा चल रही है. वहीं, भारत सरकार देश में ड्रोन उड़ाने को लेकर नए नियमों को लागू करने जा रही है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में अब तक बेहद खतरनाक ड्रोन विकसित किए जा चुके हैं जो कॉमर्शियल विमानों से भी अधिक ऊंचाई पर उड़ान भर सकते हैं और दुश्मनों पर अत्याधुनिक मिसाइलें भी दाग सकते हैं? आइए जानते हैं...
इस ड्रोन का नाम है MQ-9 Reaper. इसे Predator B भी कहते हैं. अमेरिकी वायुसेना के पास कम से कम 93 MQ-9 Reaper हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, MQ-9 Reaper नाम के इस ड्रोन से AGM-114 Hellfire मिसाइलें दागी जा सकती हैं और GBU-12 Paveway III व GB-38 Joint Direct Attack Munitions जैसे खतरनाक बम गिराए जा सकते हैं. इस ड्रोन को 1850 किमी दूर से भी ऑपरेट किया जा सकता है.
अमेरिका ने MQ-9 Reaper ड्रोन के जरिए ही जनवरी 2020 में ईरान के मिलिट्री जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या कर दी थी. MQ-9 Reaper की एक सबसे बड़ी खासियत ये है कि दुश्मन को इस ड्रोन की भनक नहीं लगती क्योंकि यह बेहद कम शोर करता है.
एमक्यू- 9 रिपर ड्रोन को दुनिया के सबसे डेडली ड्रोन में शुमार किया जाता है. ये अपनी स्पीड और फायरपावर के लिए भी जाना जाता है. इस ड्रोन का वजन किसी अफ्रीकी हाथी जितना होता है.
यह ड्रोन किसी भी कमर्शियल एयरप्लेन से अधिक ऊंचाई पर (समुद्र तल से 15 किलोमीटर ऊपर) पहुंच सकता है. आमतौर पर एयरक्राफ्ट समुद्र तल से 9 से 11 किलोमीटर ऊपर ही जा पाते हैं. इसके अलावा ये ड्रोन तेज हवाओं के बीच भी कारगर साबित होते हैं और 1700 किलो वजन भी उठा सकते हैं.
ये ड्रोन 482 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है. खास बात ये है कि ज्यादातर ड्रोन्स की तरह इसमें भी किसी तरह के पायलट की जरूरत नहीं पड़ती है, ऐसे में मिशन के असफल होने पर किसी प्रशिक्षित सैनिक की जान खतरे में नहीं पड़ती है.
यूएस एयरफोर्स का ये ड्रोन मल्टी स्पेक्ट्रल टारगेटिंग सिस्टम से लैस है. इसका मतलब है कि ड्रोन की लाइन में आने से पहले ही कई विजुएल सेंसर्स लगे होते हैं जिसमें इंफ्रारेड सेंसर, कलर डेलाइट टीवी कैमरा, लेसर रेंज फाइंडर और इमेज इंटेंसिफाई कैमरा शामिल है.