रिमैक ने 9 नेवरा इलेक्ट्रिक सुपरकार्स को क्रैश कर बर्बाद किए 20 मिलियन यूरो, जानिए वजह
Rimac को अपनी इलेक्ट्रिक सुपरकार Nevera के लिए अप्रूवल लेने में चार साल का समय लगा। इसकी जानकारी कंपनी ने अपने ट्विटर हैंडल के जरिए दी है। इस होमोलेगेशन (अथॉरिटी द्वारा अप्रूवल) को प्राप्त करने के लिए कंपनी ने इन चार वर्षों में कुल नौ नेवारा इलेक्ट्रिक सुपरकारों (Electric supercars) का क्रैश-टेस्ट किया है, जिसमें Rimac के 20 मिलियन डॉलर से अधिक पैसा बर्बाद हुए हैं। जिन्हें नहीं पता, उन्हें बता दें कि Rimac Nevera को दुनिया की सबसे फास्ट इलेक्ट्रिक कार कहा जाता है, जो 1,914 hp की मैक्सिमम पावर और 2,360 Nm का पीक टॉर्क जनरेट करने में सक्षम है, और दावे अनुसार, 415 किमी प्रति घंटा की टॉप स्पीड पर पहुंच सकती है।
Rimac ने Carwow के YouTube वीडियो को ट्विटर पर शेयर करते हुए जानकारी दी कि कंपनी ने चार साल की टेस्टिंग के बाद Nevera इलेक्ट्रिक सुपरकार के ग्लोबल होमोलेगेशन के लिए टेस्ट प्रोग्राम को पूरा कर लिया है। ट्वीट में लिखा है (अनुवादित), "चार साल के कठिन परीक्षण, हजारों डिजिटल सिमुलेशन, नौ कारों को दुर्घटनाग्रस्त करने के बाद, हमें यह घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है कि ग्लोबल होमोलेगेशन के लिए हमारा गहन क्रैश टेस्ट प्रोग्राम अब पूरा हो गया है।"
Four years of hard-to-watch tests. Thousands of digital simulations. Nine complete cars crashed. We are hyped to announce that our intense crash test programme for the global homologation is now DONE – and @carwowuk took part in the final one. https://t.co/wYd3PZSjyN
— Rimac Automobili (@AutomobiliRimac) February 17, 2022
Carwow के वीडियो से पता चलता है कि नेवारा के इन नौ प्रोटोटाइप के ऊपर कुल 45 फिज़िकल क्रैश टेस्ट किए गए थे। इन टेस्ट में प्रत्येक मॉडल को कई टेस्ट से गुज़ारा जाता है, जिसमें शुरुआत में छोटी टक्कर शामिल होती है, और धीरे-धीरे तीव्रता को बढ़ाया जाता है। फिज़िकल टेस्ट के अलावा, कई सेफ्टी टेस्ट को कंप्यूटर सिमुलेशन के जरिए पूरा किया गया। सिमुलेशन बड़े पैमाने पर प्रोटोटाइप नष्ट होने से बचाता है, लेकिन इसमें काफी समय लगता है।
कंपनी का कहना है कि जहां फिज़िकल क्रैश टेस्ट में 80 मिलीसेकंड का समय लगता है, वहीं, कार के क्रैश सिमुलेशन को बानाने में 20 घंटे तक लग सकते हैं। भले ही यह समय लेता है, लेकिन इससे कार कंपनियों के काफी पैसे बचते हैं। सिमुलेशन इंजीनियरों को यह बताने में उपयोगी होते हैं कि वास्तविक क्रैश टेस्ट को पास करने के लिए कारों को किस तरह के समायोजन की आवश्यकता होती है। इसके बाद सिमुलेशन के आधार पर असली कार के डिज़ाइन में जरूरी बदलाव किए जाते हैं।
Rimac Nevera इलेक्ट्रिक हाइपरकार की कीमत 2.27 मिलियन यूरो (लगभग 16.95 करोड़ रुपये) है, जिसके हिसाब से कंपनी ने क्रैश टेस्ट में 20 मिलियन डॉलर (लगभग 169 करोड़ रुपये) से ज्यादा पैसे नष्ट किए हैं। Rimac का कहना है कि यूरोप में नेवारा इलेक्ट्रिक सुपरकार के लिए क्रैश टेस्ट पिछले साल किए गए थे, और यूएस सर्टिफिकेशन के लिए अंतिम टेस्ट इस साल जनवरी में हुआ था।
इस इलेक्ट्रिक हाइपरकार को दुनिया की सबसे तेज स्पीड से चलने वाली रोड-स्पेक कार के रूप में जाना जाता है, जिसकी टॉप स्पीड 415 किमी प्रति घंटा है। कंपनी दावा करती है कि यह कार मात्र 1.86 सेकंड में 0-96 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ने में सक्षम है। कंपनी का कहना है कि इस कार के केवल 150 यूनिट ही बनाए और बेचे जाएंगे।