Real Estate: अच्छे-बुरे बिल्डरों में पहचान के लिए हो विश्वसनीय ढांचा
ग्राहकों के पैसे पर घटानी होगी निर्भरता
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | अच्छे और बुरे रियल एस्टेट डेवलपर में अंतर करने के लिए विश्वसनीय ढांचे की जरूरत है। इससे रियल्टी परियोजनाओं के निर्माण के लिए बैंकों से आसानी से कर्ज मिल सकेगा व ग्राहकों के पैसे पर उनकी निर्भरता नहीं रहेगी।आवास एवं शहरी मामलों के सचिव मनोज जोशी ने कहा, रियल एस्टेट विशेष रूप से आवासीय परियोजनाओं का वित्तपोषण बड़े पैमाने पर ग्राहकों से मिली अग्रिम रकम से किया जाता है। इस मॉडल को बदलने की जरूरत है। जोशी ने कहा, परियोजनाओं के निर्माण में देरी का एक मुख्य कारण नकदी प्रवाह होता है। मुख्य ठेकेदारों और छोटे विक्रेताओं के स्तर पर कोई बैंक कर्ज उपलब्ध नहीं कराता। इससे परियोजनाओं के पूरी होने में देरी होती है और उनकी लागत भी काफी प्रभावित होती है।
सरकारी ठेकों के लिए विवाद से विश्वास योजना 15 जुलाई से
विवाद से विश्वास-2 के तहत सरकारी ठेकों से संबंधित लंबित विवादों के निपटान की योजना 15 जुलाई, 2023 से शुरू होगी। वित्त मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि ठेकेदार 31 अक्तूबर तक अपने दावे प्रस्तुत कर सकते हैं।
योजना के तहत वे मामले आएंगे, जिनमें 30 अप्रैल, 2023 तक अदालती आदेश व 30 जनवरी, 2023 तक मध्यस्थता निर्णय पारित किया गया है। निपटान राशि क्रमशः 85 फीसदी या 65 फीसदी होगी।
देश में एफडीआई प्रवाह 16% घटा कंप्यूटर हार्डवेयर में सबसे कम निवेश
देश में कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का प्रवाह 2022-23 में 16 फीसदी घटकर 70.97 अरब डॉलर रह गया। 2021-22 में यह 84.83 अरब डॉलर था। कुल एफडीआई में इक्विटी प्रवाह, दोबारा निवेश और अन्य पूंजी शामिल है।
उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के आंकड़ों के मुताबिक, इस दौरान इक्विटी में एफडीआई 22 फीसदी घटकर 46 अरब डॉलर रह गया। कंप्यूटर हार्डवेयर-सॉफ्टवेयर और वाहन उद्योग को कम निवेश मिलने से इक्विटी एफडीआई में गिरावट आई है। 2021-22 में इक्विटी एफडीआई 58.77 अरब डॉलर रहा था। 2022-23 में भारत को सर्वाधिक 17.2 अरब डॉलर का एफडीआई सिंगापुर से मिला है। मॉरीशस दूसरे और अमेरिका तीसरे स्थान पर काबिज है।
दुबई में भारत ने किया सबसे ज्यादा निवेश
दुबई में एफडीआई के मामले में भारत प्रमुख स्रोत देश के रूप में उभरा है। फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एफडीआई परियोजनाओं की घोषणाओं और अनुमानित निवेश के मामले में भारत शीर्ष-5 देशों में शामिल है। भारत से दुबई में पिछले साल जिन क्षेत्र की परियोजनाओं में एफडीआई आया है, उसमें सॉफ्टवेयर व आईटी सेवाएं सबसे आगे है।