शख्स का कारनामा: तैयार कर दिया खुद का इंटरनेट, फिर जो हुआ...

Update: 2022-08-16 07:00 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्ली: इंटरनेट स्लो होने या नहीं काम करने की स्थिति में आप क्या करते हैं? कई लोगों का जवाब होगा वो अपने सर्विस प्रोवाइडर से इसकी शिकायत करते हैं. लेकिन, स्लो इंटरनेट से परेशान एक शख्स ने खुद का फाइबर-इंटरनेट नेटवर्क तैयार कर लिया.

ये घटना मिशिगन की है. Jared Mauch नाम के एक व्यक्ति ने खराब इंटनेट से परेशान होकर अपना खुद का इंटरनेट नेटवर्क तैयार कर दिया. वो एक प्राइवेट कंपनी में सीनियर नेटवर्क आर्किटेक्ट के तौर पर काम करते हैं. साल 2002 में वो वापस अपने घर चले गए थे.
उस समय उन्होंने T1 लाइन ली जिसपर उन्हें 1.5Mbps की इंटरनेट स्पीड मिल रही थी. उस समय के हिसाब से ये काफी बेहतर स्पीड थी. उन्हें उम्मीद थी आने वाले समय में इंटरनेट स्पीड और बेहतर होगी. लेकिन, इस मामले में वो अनलकी रहें.
उसके बाद उन्होंने दूसरे इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर से बात की. कंपनी ने 50Mbps तक की स्पीड देने की बात कही. लेकिन, केबल नेटवर्क को उनके घर तक बिछाने का खर्च कंपनी ने 50,000 डॉलर यानी लगभग 40 लाख रुपये बताया.
Jared Mauch के अनुसार, उनके एरिया में इंटरनेट कनेक्शन की काफी ज्यादा दिक्कत है. लोग ज्यादा इंटरनेट स्पीड की ओर जा रहे हैं जबकि उनके एरिया में अभी भी 1.5Mbps इंटरनेट स्पीड मिलना बड़ी बात है.
इसके बाद उन्होंने अपना नेटवर्क तैयार करने की योजना बनाई. उन्होंने दावा किया कि इसके लिए 1,45,000 डॉलर लगभग 1 करोड़ उन्होंने खर्च किए. इसमें से लगभग 75 लाख रुपये तो केवल फाइबर बिछाने वाले को दिए गए.फाइबर को 6 फीट से 20 फीट अंडरग्राउंड में बिछाया जाता है. इसमें जरूरी है कि अंडरग्राउंड पाइपलाइन और दूसरे एलिमेंट्स डिस्टर्ब ना हो.
इसके बाद वो उस एरिया के बाकी लोगों को भी फाइबर-टू-होम ब्रॉडबैंड सर्विस से जोड़ने लगे. इस प्रोजेक्ट पर उन्होंने लगभग 47 लाख रुपये खर्च का अनुमान लगाया था. लेकिन, फाइनल कॉस्ट डबल से भी ज्यादा हो गई.
हालांकि, कुछ क्लाइंट्स ने लगभग 4 लाख रुपये की मदद उनको की है. जिसके बदले में वो कई सालों के लिए उन्हें सर्विस क्रेडिट दे रहे हैं. वो 100Mbps की इंटरनेट स्पीड के साथ अनलिमिटेड डेटा 55 डॉलर प्रति महीने में दे रहे हैं जबकि 1Gbps की स्पीड के साथ अनलिमिटेड डेटा की कीमत $79 प्रति महीने रखी गई है.
इसके अलावा वो 199 डॉलर का इंस्टॉलेशन कॉस्ट भी चार्ज कर रहे हैं. उनकी मदद के लिए सरकार भी आगे आई है. सरकार की तरफ से उन्हें लगभग 21 करोड़ रुपये प्रोजेक्ट को बढ़ाने के लिए दिया गया है. आपको बता दें कि अमेरिका में इंटरनेट महंगा है.
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