नोटों को चलन से बाहर करने के फैसले पर ममता ने खड़े किए सवाल
राज ठाकरे बोले- बिना सोचा-समझा कदम
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | भारतीय रिजर्व बैंक ने 19 मई को 2000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने की घोषणा की है। आरबीआई के इस फैसले पर कई विपक्षी पार्टियों ने सवाल खड़े किए हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से 2000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर करने के फैसले को लेकर शनिवार को केंद्र सरकार की आलोचना की है। उन्होंने इस फैसले को एक और सनकी और तुगलकी नाटक करार दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि शीर्ष बैंक के इस कदम से आम लोग एक बार फिर बुरी तरह से प्रभावित होंगे।
बनर्जी ने इस फैसले के लिए केंद्र की आलोचना की और आरोप लगाया कि इस तरह के 'दंभी कदम' 'इस शासन की मूल रूप से जनविरोधी और पूंजीवादी प्रकृति को छिपाने' के लिए हैं। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने ट्वीट किया, ''2,000 रुपये के नोटों को बंद करने का एक और सनकी और तुगलकी नाटक आम लोगों को बड़े पैमाने पर परेशान करके एक बार फिर उन्हें बुरी तरह प्रभावित करेगा। बंगाल सीएम ने 2016 में नोटबंदी के केंद्र के फैसले का भी विरोध किया था।
दूसरी ओर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने शनिवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 2000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने के फैसले को बिना सोच समझ कर लिया गया फैसला करार दिया। ठाकरे ने यहां संवाददाताओं से कहा कि नोटबंदी का फैसला विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श के बाद लिया जाना चाहिए था।