सबसे कम और सबसे ज्यादा रिफ्रेश रेट

Update: 2023-03-23 06:40 GMT

 टेक डेस्क : रिफ्रेश रेट का नाम आपने डिस्प्ले को लेकर सुना होगा। इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की खरीदारी करते हैं तो उनके फीचर हमारे लिए कई मायनों में जरूरी होते हैं। फिर चाहे खरीदारी एक मिड बजट स्मार्टफोन की हो बडे़ एलसीडी टीवी की हो। इस आर्टिकल में आपको रिफ्रेश रेट के बारे में बताने जा रहे हैं। आपको बताएंगे कि आखिर स्मार्टफोन, लैपटॉप, पैड, टैबलेट, टेलीविजन जैसे डिवाइस में रिफ्रेश रेट की क्या भूमिका होती है।

इसे एक उदाहरण से समझ सकते हैं। अगर किसी डिवाइस के डिस्प्ले को लेकर दावा किया जाता है कि यह 60 हर्ट्ज का रिफ्रेश रेट जेनेरेट करता है तो इसका मतलब है कि स्क्रीन को एक सेकंड में 60 बार नए इमेज से अपडेट किया जाएगा। वहीं एक इमेज से दूसरे इमेज के बीच के समय को मिलिसेकंडस में मापा जाता है। रिफ्रेश रेट खासकर गेमिंग एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने के लिए मायने रखता है। गेम में फास्ट मूविंग एक्शन के लिए जरूरी है कि डिस्प्ले पर स्मूद एक्सपीरियंस मिले। इसके अलावा, स्मूद मोशन का बेहतर एक्सपीरियंस वेब ब्राउजिंग के लिए भी जरूरी है। इसी तरह डिवाइस पर डिजिटल पेन का इस्तेमाल लिखने और कुछ ड्रॉ करने के लिए भी रिफ्रेश रेट का हाई होना मायने रखता है।

जानकारों द्वारा सलाह दी जाती है कि लैपटॉप और टैबलेट का इस्तेमाल लंबे समय तक करने के लिए रिफ्रेश रेट को कम करने की सलाह दी जाती है। रिफ्रेश रेट को कम कर डिवाइस की बैटरी सेव की जा सकती है। इलेक्ट्रॉनिक कंपनी सैमसंग के अपने Galaxy S22 और S22 Plus जैसे स्मार्टफोन में 48Hz तक का रिफ्रेश घटाने का ऑप्शन देती है। वहीं हाईर रिफ्रेश रेट को अब तक 500Hz में मापा गया है। यह रेट दुनिया के फास्ट आईपीएस गेमिंग मॉनिटर में मिलता है।

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