Aadhaar नामांकन डिवाइस में जुड़ेगा भारतीय GPS, अमेरिकी GPS को टाटा

Update: 2023-08-11 09:00 GMT
डिपार्टमेंट एंड स्पेस यानी अंतरिक्ष विभाग ने बीते दिन विज्ञान पर संसदीय समिति को बताया कि जल्द ही आधार नामांकन में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों में स्वदेशी जीपीएस नेविगेटर जोड़ा जाएगा। यानी अब अमेरिकी जीपीएस की जगह देश में बने सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा. संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि DOS ने फील्ड ट्रायल पूरा कर लिया है और तकनीकी उपकरणों पर काम चल रहा है. जो लोग नहीं जानते कि नेविगेटर को किसने तैयार किया है तो उन्हें बता दें कि इसे भारतीय क्षेत्रीय नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (आईआरएनएसएस) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मिलकर बनाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे भारतीय मछुआरों को समर्पित करते हुए इसका नाम नाविक रखा है।
फोन में स्वदेशी जीपीएस मिलेगा
भारत सरकार प्रमुख मोबाइल निर्माताओं से देश में बिकने वाले स्मार्टफोन में स्वदेशी जीपीएस नेविगेटर लाने के लिए कह रही है। जिस तरह आप गूगल मैप आदि के लिए जीपीएस का इस्तेमाल करते हैं, उसी तरह नेविगेटर भी आपको लोकेशन संबंधी मदद मुहैया कराएगा। NavIC दो सेवाएँ प्रदान करता है: पहला- मानक स्थिति सेवा (SPS) और दूसरा प्रतिबंधित सेवा (RS)। पहली सेवा नागरिकों के लिए है जबकि दूसरी रणनीतिक उपयोगकर्ताओं के लिए है। ये दोनों सेवाएँ L5 (1176.45 MHz) और S बैंड (2498.028 MHz) में प्रदान की जाती हैं। NavIC कवरेज क्षेत्र में भारत और भारतीय सीमा से परे 1,500 किमी तक का क्षेत्र शामिल है। यानी आपको भारत के आसपास 1500 किमी तक का लोकेशन डेटा मिलेगा।
एनडीएमए नाविक का उपयोग कर रहा है
एनडीएमए यानी राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी पहले से ही भूस्खलन, भूकंप, बाढ़ और हिमस्खलन जैसी प्रमुख प्राकृतिक आपदाओं के लिए चेतावनी प्रसार प्रणाली के लिए NAVIC का उपयोग कर रही है। इसके अलावा, भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना प्रणाली केंद्र (INCOIS) गहरे समुद्र में जाने वाले मछुआरों को चक्रवात, ऊंची लहरों और सुनामी से संबंधित चेतावनी देने के लिए भी इसका उपयोग कर रहा है।
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