रेगिस्तान में नखलिस्तान की तरह है इंडिया : नीलेश शाह, इंडियन मार्किट में बारे में इस बयान के पीछे क्या है वजह, पढ़े पूरा मामला

इस साल आई रिकवरी को मार्केट ने एक महीने (7 मार्च से 4 अप्रैल) में गंवा दिया है

Update: 2022-05-13 09:36 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क : नीलेश शाह ने कहा है कि अगर आप हमारे पड़ोस या दुनिया में देखें तो इंडिया रेगिस्तान में नखलिस्तान की तरह नजर आता है। शाह कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। उन्होंने CNBC-TV18 को दिए इंटरव्यू में यह बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि यूरोप में जो कुछ हो रहा है, उसका असर इंडियन मार्केट्स पर पड़ेगा। रूस-यूक्रेन लड़ाई में ऊंट किसी करवट बैठ सकता है।नीलेश शाह की बात सही लगता है। इसकी वजह है इंडिया के पड़ोसी देशों संकट से गुजर रहे हैं। उधर, चीन, अमेरिका, इंग्लैंड की अर्थव्यवस्था में सुस्ती के संकेत हैं। लेकिन, इंडिया में आर्थिक गतिविधियां लगातर बढ़ रही हैं। इंडिया की जीडीपी ग्रोथ चीन से ज्यादा रहने की उम्मीद है।उन्होंने कहा, "अभी विनम्र बने रहना ठीक होगा। अपने आसपास हो रही घटनाओं को देखें और फिर अपना पोर्टफोलियो बनाएं।" उन्होंने कहा कि स्टॉक मार्केट में जारी गिरावट के चलते वैल्यूएशन सही लेवल पर आ गई है। पिछले साल अक्टूबर में अपनी रिकॉर्ड ऊंचाई से सेंसेक्स और निफ्टी 14 फीसदी से ज्यादा गिर चुके हैं। इसकी वजह इंटरेस्ट रेट बढ़ने की आशंका, रूस-यूक्रेन लड़ाई और क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतें हैं।

शाह ने कहा, "हमारा मानना है कि यह वक्त ऐसे सेक्टर में इनवेस्ट करने का है, जिनमें वैल्यूएशन सही है।" उन्होंने कहा कि बढ़ती महंगाई के बीच उनका फंड ऐसी कंपनियों में इनवेस्ट कर रही है, जिनके पास प्राइस बढ़ाने की ताकत है। उन्होंने कहा, "हम ऐसी कंपनियों में इनवेस्ट कर रहे हैं, जो वॉल्यूम गवांए बगैर अपने प्रोडक्ट्स की कीमतें बढ़ा सकती हैं।"कोटक महिंदा एसेट मैनेजमेंट कंपनी के एमडी ने कहा कि इक्विटी फंडों में सिप के जरिए एक साल में किए गए इनवेस्टमेंट का रिटर्न निगेटिव हो गया है या थोड़ा पॉजिटिव है। इसका असर सेंटिमेंट पर पड़ा है। हालांकि, इनवेस्टर्स करेक्शन का इस्तेमाल खरीदारी के लिए करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इनवेस्टर्स को इससे काफी कॉन्फिडेंस मिला है कि मार्च तिमाही के नतीजे ज्यादा अनुमान के मुताबिक या अनुमान से बेहतर रहे हैं।
इंडियन स्टॉक मार्केट (Indian Stock Markets) बुरे दौर से गुजर रहा है। इस साल आई रिकवरी को मार्केट ने एक महीने (7 मार्च से 4 अप्रैल) में गंवा दिया है। मंदड़ियों (Bears) ने मार्केट पर अपनी पकड़ बढ़ा दी है। खासकर, 4 मई को RBI के इंटरेस्ट रेट बढ़ाने के बाद मंदड़ियों का हौसला बढ़ा है। आरबीआई ने तेजी से बढ़ते इनफ्लेशन (Inflation) को कंट्रोल में करने के लिए रेपो रेट 0.40 फीसदी बढ़ा दिया था।


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