नई दिल्ली। जैसे-जैसे भारत अपनी सेमीकंडक्टर की यात्रा शुरू कर रहा है, यह डच कंपनियों को निवेश के लिए अपार अवसर प्रदान कर रहा है। यह बात मंगलवार को एक आई एक रिपोर्ट में कही गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर उद्योग में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, विशेष रूप से सेमीकंडक्टर के डिजाइन और उत्पाद की खपत मे। सरकारी नीतियाें की वजह से सेमीकंडक्टर विनिर्माण में निवेश भी बढ़ रहा है।
इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स एंड सेमीकंडक्टर एसोसिएशन (आईईएसए) और नीदरलैंड इनोवेशन नेटवर्क व भारत में नीदरलैंड के दूतावास ने 'इंडो-डच सेमीकंडक्टर अवसर' नामक एक नई रिपोर्ट लॉन्च की। भारत, नेपाल और भूटान में नीदरलैंड की राजदूत मारिसा जेरार्ड्स ने कहा, "यह रिपोर्ट प्रौद्योगिकी की शक्ति का उपयोग करने की हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है, जहां प्रगति और समृद्धि सभी के लिए सुलभ हो।"
भारत का लक्ष्य पांच वर्षों में 85 हजार सेमीकंडक्टर पेशेवर तैयार करना है। रिपोर्ट में छात्रों के आदान-प्रदान के माध्यम से ज्ञान साझा करने और कौशल विकास को बढ़ावा देने वाले संभावित कार्यक्रमों पर भी प्रकाश डाला गया।
आईईएसए के चेयरपर्सन संजय गुप्ता ने कहा, "हमें उम्मीद है कि यह रिपोर्ट दोनों देशों के बीच अधिक सहयोग को प्रेरित करेगी। आईईएसए के प्रेसीडेंट अशोक चांडक ने कहा कि रिपोर्ट "उद्योग, शिक्षाविदों, अनुसंधान, स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण आदि में अवसरों के संभावित क्षेत्रों को स्पष्ट करती है।"