बंद करने के बाद भी Google पर लगा लोकेशन शेयरिंग का आरोप, इन लोगों ने किया केस
नई दिल्ली: Google पर लोकेशन ऑफ करने के बाद भी यूजर्स की लोकेशन शेयर करने का आरोप लगा है. तीन अमेरिकी राज्यों के चार अटॉर्नी जनरल ने Google के खिलाफ केस दायर किया है. इसमें गूगल पर लोकेशन शेयरिंग का आरोप लगा है.
केस में कहा गया है कि Google ने कंज्यूमर्स को धोखा दिया है कि कैसे उनकी लोकेशन को ट्रैक किया जाता है और कंपनी इसे कैसे इस्तेमाल करती है. आरोप है कि गूगल ने गलत जानकारी दी है कि ट्रैकिंग को रोककर यूजर्स के पास प्राइवेसी प्रोटेक्शन की एबिलिटी होती है.
केस के मुताबिक, गूगल ने यूजर्स को यह विश्वास दिलाया है कि उनका कौन-सा डेटा कंपनी कलेक्ट कर रही है और कैसे Google उनकी डिटेल्स का इस्तेमाल कर रहा है, इसका पूरा कंट्रोल उनके हाथ में है. हालांकि, ऐसा पाया गया है कि Google प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स कंपनी को अपनी लोकेशन कलेक्ट, स्टोर और उससे फायदा कमाने से रोक नहीं सकते हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए Google कंज्यूमर्स के पर्सनल डेटा का इस्तेमाल करता है, जिसमें उनकी लोकेशन डेटा भी शामिल है. कंपनी इस डेटा का इस्तेमाल कंज्यूमर्स को Advertisement दिखाने में करती है. गूगल पर आरोप लगा है कि वह लोकेशन डेटा कलेक्शन प्रैक्टिस को छिपाने और कंज्यूमर्स के लिए ट्रैक होने से बचने को मुश्किल बनाने के लिए काफी पैसे खर्च करती है.
Google के स्पोकपर्सन ने मुकदमे में लगाए गए सभी आरोपों से इनकार किया है.The Verge की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी के स्पोकपर्सन José Castañeda ने कहा, 'अटॉर्नी जनरल गलत और हमारी सेटिंग के पुराने दावों के आधार पर केस ला रहे हैं. हम हमेशा प्रोडक्ट में प्राइवेसी फीचर जोड़ते हैं और यूजर्स को उनके लोकेशन डेटा को कंट्रोल देते हैं.'