गंधर्व राठौर दूसरे ही प्रयास में IAS बनीं

Update: 2023-06-28 15:54 GMT
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा विश्व की सबसे जटिल परीक्षाओं में से एक परीक्षा है। हर साल लाखों छात्र अपने सपनों को साकार करने की आस में UPSC सिविल सेवा परीक्षा देते हैं। उन लाखों में से हजारों का चयन होता है और कुछ ही आईएएस और आईपीएस बन पाते हैं।इन प्रतिभावान छात्रों के परिश्रम को तब पहचान मिलती है जब वो इस परीक्षा को पास करते हैं। समाज तब ही इनकी सराहना करता है जब वो सफलता के साथ रिजल्ट में अपना नाम इंगित करा लेते हैं। एक ऐसा ही नाम 2016 बैच की आईएएस अधिकारी गंधर्व राठौर का है, जिनकी कहानी भावी परीक्षार्थियों के लिए बहुत बड़ा सक्सेस मंत्र हो सकती है।
मूल रूप से जयपुर, राजस्थान की गंधर्व राठौर ने अपनी स्कूली शिक्षा जयपुर में ग्रहण की थी। 2013 में दिल्ली विश्वविद्यालय के श्री राम कॉलेज फॉर कॉमर्स-एसआरसीसी से उन्होंने स्नातक की उपाधि प्राप्त की थी। इसके बाद 2015 में उनका पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा हुआ। इसके बाद उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत शुरू कर दी थी। वर्ष 2016 में उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास कर ली थी। इस परीक्षा के उन्होंने 93वीं रैंक हासिल की थी।
अपनी शुरुआत के साथ ही गंधर्व ने जब अपना पहला प्रीलिम्स दिया था तो वो 2 से 3 नंबर से चूक गई थीं। इसके बाद गंधर्व ने सीख लेते हुए आकलन करने के लिए कई साथी उम्मीदवारों, दोस्तों और सफल उम्मीदवारों से बात की कि क्या अध्ययन करना है और किन प्रयासों में और समय देना है।
हालांकि, उन्होंने कोचिंग नहीं ली लेकिन उन्होंने सबसे पहले दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में स्ठित सभी कोचिंग इंस्टीट्यूट और बुक स्टोर्स का दौरा किया। यहां से उन्होंने सभी विषयों के जरूरी नोट्स प्राप्त किए। इसके बाद उन्होंने हर एक विषय के सिलेबस और स्टडी मटेरियल को गहनता से पढ़ा। इसके साथ ही गंधर्व ने अपने उन मित्रों से सहायता ली जो किसी न किसी कोचिंग संस्थान में पढ़ते थे।
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