Unified Payment: इंटरफेस (यूपीआई) के लॉन्च होने के बाद से डिजिटल पेमेंट को लेकर फ्रॉड में हर साल कई गुना का increasesहो रहा है। यूपीआई को साल 2016 में लॉन्च किया गया था। आज अधिकतर पेमेंट यूपीआई से ही हो रहे हैं। हर दिन साइबर फ्रॉड की खबर पढ़ते हैं और फिर अपने काम में लग जाते हैं, लेकिन आपको जब इन फ्रॉड की रकम के आंकड़े को देखेंगे तो आप हैरान हो जाएंगे। मार्च 2024 में खत्म हुए वित्तीय वर्ष में भारत में साइबर ठगों ने 14.57 अरब रुपये उड़ाए हैं और यह दावा हम नहीं कर रहे, बल्कि इसकी जानकारी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी एक रिपोर्ट में दी है। ये आंकड़े पिछले 12 महीनों के हैं।
यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के लॉन्च होने के बाद से डिजिटल पेमेंट को लेकर फ्रॉड में हर साल कई गुना का इजाफा हो रहा है। यूपीआई को साल 2016 में लॉन्च किया गया था। आज अधिकतर पेमेंट यूपीआई से ही हो रहे हैं। आरबीआई के डाटा के मुताबिक पिछले दो साल में यूपीआई पेमेंट में 137% फीसदी का इजाफा हुआ है जो कि 200 ट्रिलियन रुपये के करीब है। डिजिटल पेमेंट ने साइबर ठगों को एक नया हथियार दे दिया है। कम शिक्षित लोग यूपीआई का इस्तेमाल तो कर रहे हैं लेकिन साइबर ठगों की चाल से अवगत नहीं हैं। ऐसे में उन्हें शिकार बनाया इन ठगों ने बहुत ही आसान है। हर दिन नई-नई टेक्नोलॉजी आ रही है जिससे फ्रॉड करना और भी आसान हो जा रहा है।
डिजिटल पेमेंटScam को लेकर सरकार की ओर से समय-समय पर अभियान भी चलाए जा रहे हैं लेकिन इसका कुछ खास फायदा नजर नहीं आ रहा है। कई बैंकों ने भी इस तरह के अभियान चलाए हैं लेकिन स्कैम में कमी नजर नहीं आ रही है।