Phishing Emails: ईमेल आईडी स्कैम नोटिफिकेशन

Update: 2024-06-01 14:25 GMT

Phishing Emails: ईमेल आईडी स्कैम से आजकल काफी लोग परेशान हैं। इस खतरनाक स्कैम की पहचान कैसे करें और क्या है इस तरह से स्कैम से बचने का तरीका। आगे खबर में जानिए आपकी काम की जरूरी बात। साइबर अपराधी लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए लगातार नए-नए तरीकों का इस्तेमाल करते हैं। बीते कुछ समय में ऑनलाइन स्कैम में काफी तेजी से उछाल आया है। ऐसे में जीमेल आईडी स्कैम के जरिए लोगों को फंसाया जा रहा है। यह एक तरह का नया स्कैम है, इस स्कैम से आप खुद को अपने लोगों को कैसे बचा सकते हैं। आगे जानिए इसकी डिटेल।

इस तरह से फंसते हैं यूजर्स
स्कैमर्स इस तरह के स्कैम में यूजर्स को फर्जी ईमेल यानी फिशिंग ईमेल का सहारा लेते हैं। जालसाज यूजर्स को गूगल की तरफ से नकली ऑथेंटिकेशन का ईमेल भेजते हैं। स्कैमर्स यूजर्स को ईमेल में लिखते हैं कि आपका ईमेल अगले तीन दिनों के भीतर बंद हो जाएगा। स्कैमर्स ईमेल में ऐसी जानकारी डालते हैं, जिसे पढ़कर यूजर्स अचानक से घबरा जाते हैं। जाल में फंसाने के लिए यूजर्स को बताया जाता है कि गूगल क्लाउड अकाउंट से ईमेल आईडी लिंक नहीं है, इसके लिए स्कैमर्स एक फर्जी बेवसाइट का सहारा लेते हैं और यूजर्स से छोटी पेमेंट करने को कहते हैं। इसके बाद यूजर्स जल्दबाजी में गलत उठा लेते हैं और अपना नुकसान कर लेते हैं।
फिशिंग ईमेल्स की कैसे करें पहचान
इस तरह के फिशिंग ईमेल्स की पहचान कुछ स्टेप्स के जरिए की जा सकती है। आगे जानिए क्या है डिटेल। इस बात का ध्यान रखें कि अक्सर फिशिंग ईमेल में जल्दी से कोई Action लेने को कहा जाता है, ताकि यूजर्स को ठगा जा सकें। अगर कभी आपके पास ऐसा कोई ईमेल आए तो उसे ध्यान से पढ़ें, उसमें कई तरह की गलतियां नजर आ सकती हैं। फिशिंग ईमेल्स के जरिए स्कैमर्स अक्सर पेमेंट, संवेदनशील जानकारी और लॉगइन डिटेल्स के बारे में पूछा जाता है। इस तरह के ईमेल में अक्सर बदले हुए डोमेन का इस्तेमाल किया जाता है। जालसाज इस तरह के ईमेल के जरिए लोगों को फर्जी वेबसाइट के लिंक भेजते हैं, ताकि यूजर्स की जानकारी हासिल की जा सकें।
स्कैम से कैसे रहे सुरक्षित
ईमेल के जरिए अगर कोई संवेदनशील जानकारी, पेमेंट औरBanking Details मांगता है तो कभी भी साझा न करें। ईमेल में आए किसी भी अनजान लिंक, वेबसाइट और नंबर पर क्लिक करने से बचें। अगर आपके पास इस तरह का ईमेल आए तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर इसकी रिपोर्ट करें।
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