अपरिचित International नंबरों से आने वाली कॉल का उत्तर न दें- दूरसंचार विभाग
Delhi दिल्ली। भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (DoT) ने भारत के नागरिकों को ऐसे अंतर्राष्ट्रीय नंबरों से आने वाली कॉलों के प्रति आगाह किया है, जो भारत सरकार के किसी विभाग से आने का दावा करते हैं। DoT ने हाल ही में कहा कि धोखेबाज सरकारी अधिकारियों का रूप धारण करके भारत में मोबाइल उपयोगकर्ताओं को ठगने के लिए अंतर्राष्ट्रीय नंबरों का उपयोग कर रहे हैं।
DoT के अनुसार, धोखेबाज देश में मोबाइल उपयोगकर्ताओं को ऐसे अंतर्राष्ट्रीय नंबरों से कॉल कर रहे हैं, जो +91 से शुरू नहीं होते हैं, बल्कि +8, +85 और +65 जैसे नंबरों से शुरू होते हैं। वे भारतीय प्राधिकरणों या ट्राई, पुलिस और आयकर विभाग जैसे संगठनों से आने का दावा करते हैं और मोबाइल उपयोगकर्ताओं को उनके मोबाइल नंबर बंद करने, डिजिटल गिरफ्तारी, कूरियर में ड्रग्स या नशीले पदार्थ रखने और सेक्स रैकेट में गिरफ्तार करने जैसी धमकियाँ देते हैं।
इन बढ़ते साइबर खतरों के जवाब में, DoT ने विभिन्न हितधारकों के अधिकारियों से मिलकर एक समर्पित टास्क फोर्स का गठन किया है जो इस तरह की नकली कॉलों से निपटने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है। दूरसंचार विभाग ने एक विज्ञप्ति में लिखा, "टास्क फोर्स की सिफारिशों में से एक यह थी कि जब भी देश के बाहर से कोई कॉल आए, तो टीएसपी को ग्राहकों को "अंतर्राष्ट्रीय कॉल" दिखाना चाहिए। इससे उपयोगकर्ताओं को यह समझने में मदद मिलेगी कि ऐसी कॉल भारतीय प्राधिकरणों या संगठनों से नहीं हो सकती हैं।" एयरटेल ने पहले ही देश के बाहर से आने वाली कॉल के लिए 'अंतर्राष्ट्रीय कॉल' दिखाना शुरू कर दिया है।
इससे ग्राहकों को यह पहचानने में मदद मिलेगी कि कोई कॉल स्कैम कॉल है या नहीं। इसके अलावा, दूरसंचार विभाग ने इस साल अक्टूबर में 'अंतर्राष्ट्रीय इनकमिंग स्पूफ्ड कॉल्स प्रिवेंशन सिस्टम' भी लॉन्च किया था, ताकि उन कॉल की पहचान की जा सके जो भारत के भीतर से आती हुई प्रतीत होती हैं, लेकिन साइबर अपराधियों द्वारा विदेश से की जाती हैं। दूरसंचार विभाग द्वारा साझा किए गए डेटा के अनुसार, इस सिस्टम ने अपने संचालन के केवल 24 घंटों में टेम्पर्ड भारतीय फोन नंबरों के साथ 1.35 करोड़ इनकमिंग अंतर्राष्ट्रीय कॉल की पहचान की। और सबसे हालिया रिपोर्ट में, संगठन ने कहा कि भारतीय नंबरों से पहचानी गई और ब्लॉक की गई स्पूफ्ड कॉल की संख्या घटकर लगभग 6 लाख रह गई है। दूरसंचार विभाग अब मोबाइल उपयोगकर्ताओं से ऐसे धोखाधड़ी वाले कॉलों के प्रति सतर्क रहने तथा सरकार के संचार साथी पोर्टल पर इसकी सूचना देने को कह रहा है।