AI के जरिये मरे हुए लोग हो सकते हैं कनेक्ट, हुआ खुलासा

Update: 2024-07-28 09:11 GMT
AI टेक न्यूज़ : 30 नवंबर 2022 को OpenAI ने चैट जीपीटी लॉन्च किया था, उस समय यह बहुत से लोगों के लिए एकदम नई चीज थी। उस वक्त किसी ने कल्पना तक नहीं की थी कि महज दो सालों के भीतर ही यह तकनीक आम जीवन का अहम हिस्सा बन जाएगी। पिछले कुछ सालों में AI का दायरा तेजी से बढ़ा है। अब एआई का सहारा लेकर पुरानी पारिवारिक तस्वीरों से एनिमेटेड वीडियो बनाने से लेकर, उनसे कहानियां क्राफ्ट कर सकते हैं। अब एक लेटेस्ट रिपोर्ट एआई के बारे में चौंकाती है। रिपोर्ट के मुताबिक, रिसर्चर्स और टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट मृत लोगों के साथ कनेक्ट करने के लिए
नए तरीके खोज रहे हैं।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रिसर्चर्स और तकनीकी दिग्गज एक नए प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। इस प्रोजेक्ट का जो टॉपिक है वह वाकई हैरान करने वाला है। कहा गया है कि अब टेक्नोलॉजी दिग्गजों की बारी है कि वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से मरे हुए लोगों के साथ बातचीत करने के तरीके खोजें। ये कैसे होगा फिलहाल इसके बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं है। एमआईटी की प्रोफेसर शेरी टर्कल ने इस मुद्दे को जोर दिया है। शेरी टर्कल एक अमेरिकी समाजशास्त्री हैं।
हैरान करती हैं शेरी टर्कल की बातें
टर्कल लंबे वक्त से इंसानों और टेक्नोलॉजी के रिश्तों पर रिसर्च कर रही हैं। इनके अनुसार, टेक्नोलॉजी इनोवेशन अपने चरम पर पहुंच रहे हैं। यहां तक ​​कि थॉमस एडिसन ने भी स्पिरिट फोन बनाने के बारे में सोचा था। ऐसे में क्यों नहीं इस तकनीक को लेकर और आगे की सोची जाए। एमआईटी की प्रोफेसर शेरी टर्कल इस प्रयास को एक गहरी मानवीय इच्छा बताती हैं।
भविष्य की राह आसान नहीं
शेरी टर्कल अपनी इन बातों को मजबूती साथ रखती हैं, और वह भविष्य में एआई को लेकर होने वाले खतरों को लेकर भी आगाह करती हैं, उनका कहना है कि एआई सोशल मीडिया की गति से भी ज्यादा स्पीड में हमारी और आपकी जिदंगी में दखल दे रहा है। वह चेतावनी देती हैं कि जब नई तकनीक के तेजी से एकीकरण और आकर्षण की बात आती है, तो भावनात्मक जोखिम बढ़ने लगता है, जो सही नहीं हैं। टर्कल के अनुसार, किसी चीज के साथ अगर इमोशनल कनेक्ट हो जाता है, तो उससे पीछा छुड़ाना आसान नहीं होता, चाहे वह टेक्नोलॉजी ही क्यों न हो।
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