mobile news ;डेटिंग एप को अब किसी परिचय की जरूरत नहीं है। शादीशुदा से लेकर कंवारे तक सब इस एप का इस्तेमाल कर रहे हैं। भारत में भी लाखों लोग डेटिंग एप का इस्तेमाल कर रहे हैं। कई एप काफी पॉपुलर हैं तो कई नए-नए एप्स हैं। डेटिंग एप्स के साथ विवाद का नाता चोली और दामन जैसा है। डेटिंग एप्स को लेकर अक्सर खबरें आती रहती हैं। आपमें से कई लोग होंगे जो इन डेटिंग एप्स का इस्तेमाल करते होंगे, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि ये डेटिंग एप्स डाटा प्राइवेसी के लिहाज से बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं हैं।
कुछ दिन पहले आई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि सभी डेटिंग एप्स यूजर्स का डाटा विज्ञापन एजेंसियों और कंपनियों को बेचते हैं। इसके बदले उन्हें मोटी रकम मिलती है। मॉजिला फाउंडेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक 25 में से 22 डेटिंग एप्स अपनी प्राइवेसी पॉलिसी को मानते ही नहीं हैं। वे अपने यूजर्स के निजी डाटा का सौदा करते हैं और विज्ञापनदाताओं को डाटा बेचते हैं। इनमें से कईयों का डाटा लीक का इतिहास रहा है।
ये एप्स personalजानकारी को वैकल्पिक रखते हैं लेकिन बाद में बिना जानकारी दिए एप्स को इस्तेमाल नहीं करने देते। ये एप्स यूजर्स से उसकी मौजूदा लोकेशन का एक्सेस भी लेते हैं और यदि लोकेशन का एक्सेस नहीं दिया जाए तो ये एप्स काम ही नहीं करते।
कई बार ये एप्स इस वक्त भी यूजर्स की लोकेशन को ट्रैक करते हैं जब वे एप्स को इस्तेमाल नहीं कर रहे होते हैं। इनमें से 25 फीसदी एप्स मेटा डाटा भी इकट्ठा करते हैं। जैसे- आप जब कोई फोटो क्लिक करते हैं उसके मेटा डाटा में फोन के मॉडल की जानकारी, लोकेशन, अपर्चर जैसी कई जानकारी होती हैं। एक्सपर्ट ने डेटिंग एप्स पर अपनेSocial Accountsसे लॉगिन करने से मना किया है।