कोल इंडिया की बिक्री पेशकश: संस्थागत निवेशकों के हिस्से को 3.46 गुना अभिदान
कल भी लगेगी बोली
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) में बिक्री के प्रस्ताव को गैर-खुदरा निवेशकों से काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली। इसे बेस साइज से 3.46 गुना ज्यादा सब्सक्राइब किया गया। निवेशकों ने करीब 226.12 रुपये प्रति शेयर के सांकेतिक भाव पर बोलियां लगाईं। सरकार ने ग्रीन शू विकल्प का प्रयोग करने का निर्णय लिया है। खुदरा निवेशकों को शुक्रवार को भी बोली लगाने को मिलेगी। निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव ने यह जानकारी दी।जानकारी के मुताबिक, कोल इंडिया में सरकार की तीन प्रतिशत तक हिस्सेदारी बिक्री के लिए बिक्री पेशकश (ओएफएस) के पहले दिन संस्थागत निवेशकों ने 6,500 करोड़ रुपये की बोलियां लगाईं। संस्थागत निवेशकों के लिए आरक्षित कुल 8.31 करोड़ शेयरों की पेशकश पर 28.76 करोड़ शेयरों के लिए बोलियां मिलीं। संस्थागत निवेशकों के खंड को 3.46 गुना अभिदान मिला।
निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने ट्वीट किया कि कोल इंडिया की बिक्री पेशकश को गैर-खुदरा निवेशकों से काफी शानदार प्रतिक्रिया मिली है। उनके खंड को 3.46 गुना अभिदान मिला है और सरकार ने इसमें ग्रीन-शू विकल्प यानी अधिक अभिदान आने पर उसे रखने का फैसला किया है। खुदरा निवेशक शेयरों के लिए शुक्रवार को बोली लगा सकेंगे।
सरकार की फिलहाल कोल इंडिया में 66.13 प्रतिशत हिस्सेदारी है। कोल इंडिया में हिस्सेदारी बिक्री से सरकार चालू वित्त वर्ष के 51,000 करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य के करीब पहुंच सकेगी। दो दिन की बिक्री पेशकश में सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की कोयला कंपनी में अपनी तीन प्रतिशत हिस्सेदारी या 18.48 करोड़ शेयर 225 रुपये प्रति शेयर के न्यूनतम मूल्य पर बेच रही है। इसमें अधिक अभिदान की स्थिति में 1.5 प्रतिशत का ग्रीन-शू विकल्प भी है। बीएसई में कोल इंडिया का शेयर 4.42 प्रतिशत के नुकसान से 230.55 रुपये पर बंद हुआ।
कोल इंडिया का उत्पादन रिकॉर्ड छह करोड़ टन पर
सीआईएल का उत्पादन सालाना आधार पर मई में 9.5 प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड छह करोड़ टन रहा। सीआईएल ने शेयर बाजार को बताया कि उसने अपनी अनुषंगी कंपनियों के साथ मिलकर मई 2022 में 5.47 करोड़ टन कोयला उत्पादन किया था। मई 2023 में कुल आपूर्ति चार प्रतिशत वृद्धि के साथ 6.37 करोड़ टन रही, जबकि पिछले वर्ष मई में यह 6.12 करोड़ टन रही थी। कंपनी का इस साल अप्रैल-मई में उत्पादन 11.75 करोड़ टन रहा, जो एक साल पहले इसी अवधि में 10.82 करोड़ टन के मुकाबले 8.6 प्रतिशत अधिक है।