भारत के इंटरनेट यूजर्स को संभलने की जरूरत है! ग्लोबल साइबरसिक्योरिटी कंपनी सर्फशार्क की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2024 की पहली तिमाही यानी जनवरी से मार्च के बीच भारत में कुल 17.1 मिलियन ऑनलाइन अकाउंट्स में सेंध लगाई गई। इसकी तुलना 2023 की आखिरी तिमाही अक्टूबर-दिसंबर से करें तो अकाउंट्स में ब्रीच की संख्या 6 से बढ़कर 132 प्रति मिनट हो गई है। इस दौरान अमेरिका में 90 मिलियन से ज्यादा अकाउंट्स को टार्गेट किया गया, जो भारत से ज्यादा है। रिपोर्ट साफतौर पर इशारा करती है कि भारत में ऑनलाइन अकाउंट्स के लीक होने की संख्या तेजी से बढ़ी है।
सर्फशार्क का एनालिसिस कहता है कि साल 2004 के बाद से भारत दुनिया का आठवां सबसे बड़ा देश है, जहां सबसे ज्यादा ऑनलाइन अकाउंट्स में सेंध लगी है। 19 साल में कुल 320.5 मिलियन अकाउंट्स लीक हुए हैं। भारत के मुकाबले अमेरिका में 3 अरब अकाउंट्स, रूस में 2.4 अरब अकाउंट्स, चीन में 1.1 अरब अकाउंट्स, फ्रांस में 521.6 मिलियन अकाउंट्स, जर्मनी में 486.7 मिलियन अकाउंट्स, ब्राजील में 354.2 मिलियन अकाउंट्स और यूके में 321.9 मिलियन ऑनलाइन अकाउंट्स में सेंध लगी है।
एनालिसिस कहता है कि जो 320.5 मिलियन ऑनलाइन अकाउंट्स हैक किए गए, उनमें 88 मिलियन यूनिक ई-मेल अड्रेस हैं। औसत रूप से हरेक ई-मेल अड्रेस के साथ 3.8 और पर्सनल रिकॉर्ड लीक हो जाते हैं। इन अकाउंट्स के साथ-साथ 162 मिलियन पासवर्ड भी लीक हो गए, जिससे यूजर्स के अकाउंट पर कब्जा होने का खतरा बढ़ जाता है। इससे यूजर्स के साथ दूसरे तरह के साइबर क्राइम का जोखिम भी तेज होता है।
जनवरी से मार्च के आंकड़े बताते हैं कि भारत में बांग्लादेश के मुकाबले ज्यादा ऑनलाइन अकाउंट्स हैक किए गए हैं। हालांकि चीन इस मामले में हमसे आगे है। आमतौर पर इस तरह की सेंध के कारण यूजर्स की गोपनीय जानकारियां लीक हो जाती हैं साथ ही उनका नाम, अड्रेस, फोन नंबर, ई-मेल और कस्टमर आईडी जैसी जरूरी जानकारियां भी साइबर हमलावरों के हाथ लग जाती हैं।