भारत में 5G को कोरोना महामारी से जोड़ा जा रहा, टेलीकॉम ऑपरेटर्स में बढ़ी टेंशन, प्रेस रिलीज जारी करके कही गई ये बात
भारत में कई तरह की गलत जानकारियां सोशल मीडिया और मैसेजिंग प्लेटफॉर्म्स से फैल जाती हैं. इसमें अब नया नाम 5G का भी जुड़ गया है. 5G को लेकर कई तरह की गलत जानकारियां फैलाई जा रही हैं. पिछले हफ्ते Department of Telecommunications ने भारत में 5G ट्रायल को मंजूरी दे दी गई थी. अब 5G को कोरोना महामारी से जोड़ा जा रहा है.
इस अफवाह की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान यूके में हुआ है. जहां फिल्ड इंजीनियर्स पर इसको लेकर अटैक किया गया. भारत में भी कई जगहों पर इसका विरोध किया गया है. इसको लेकर Cellular Operators Association of India ने एक प्रेस रिलीज जारी किया है.
इस प्रेस रिलीज में 5G से जुड़ी अफवाहों के बारे में बताया गया है. ऑर्गेनाइजेशन के डायरेक्टर जनरल ने लोगों से 5G पर फैल रहे फेक मैसेज पर ध्यान नहीं देने को कहा है. उन्होंने कहा है सभी साथ मिलकर इस फेक न्यूज का सामना कर सकते हैं.
भारत में 5G पर फैलाए गए फेक मैसेज की वजह से टेलीकॉम ऑपरेटर्स काफी जूझ रहे हैं. 5G को कैंसर से लेकर इनफर्टिलिटी तक से जोड़ दिया गया है. 5G टावर्स को इससे निकलने वाले रेडिएशन को इसके लिए जिम्मेदार बताया जा रहा है.
सरकार ने कहा है 5G पर चल रहे अफवाहों के कारण कई बिल्डिंग ऑनर्स 5G टॉवर इंस्टॉलेशन करने से मना कर रहे हैं. इन अफवाहों को देखते हुए Telecom Regulatory Authority of India (ट्राय) ने अपनी वेबासाइट पर इसको लेकर एक ब्लॉग पोस्ट किया है. इसमें EMF radiation रेडिएशन को लेकर डिटेल्स में बताया गया है.
इस अफवाह को हवा तब लगी थी जब रजनीकांत और अक्षय कुमार की फिल्म 2.0 रिलीज हुई. फिल्म में सेलफोन टावर से निकलने वाले रेडिएशन के बारे में बताया गया. रेडिएशन के कारण चिड़ियों को मरते हुए इस फिल्म में दिखाया गया.
COAI ने इसको लेकर सरकार को लिखकर फिल्म पर रोक लगाने की मांग की थी. उस टाइम के ऑर्गेनाइजेशन के डायरेक्टर जनरल ने कहा था ये एक फिक्शनल मूवी है. लोग इस बात को समझेंगे और टावर हटाने की बात नहीं करेंगे.
5G में लिमिटेड रेंज होने की वजह इसके लिए काफी टावर लगाना पड़ेगा. अगर इस पर चल रही अफवाहों को लोगों के बीच से हटाया नहीं गया तो 5G लेट से भारत में लॉन्च हो सकता है. हालांकि यूपी में इसको लेकर अफवाह फैलाने पर कार्रवाई की बात कही गई है.