युवराज सिंह ने अपने करियर को लेकर किया खुलासा, कहा- 'मुझे कप्तान बनने की थी उम्मीद, पर...'

Update: 2021-06-11 04:06 GMT
फाइल फोटो 

युवराज सिंह भारतीय क्रिकेट के बेहतरीन ऑलराउंडरों में से एक रहे हैं. युवराज 2007 के टी20 वर्ल्ड कप और 2011 विश्व कप विजेता भारतीय टीम के सदस्य रहे. बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने दोनों टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन कर खिताबी जीत में अहम योगदान दिया था. युवराज ने 10 जून 2019 को इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया था. रिटायरमेंट के दो साल बाद युवराज ने एक पॉडकास्ट (22 यार्न्स विद गौरव कपूर) में अपने करियर से जुड़ी कई बातों का खुलासा किया है.

युवराज ने कहा कि भारत 2007 के वनडे विश्व कप से बाहर हो गया था. उस वक्त भारतीय क्रिकेट में काफी उथल-पुथल मची हुई थी. उसी दौरान हमें इंग्लैंड का दौरा करना था. साउथ अफ्रीका और आयरलैंड के साथ एक महीने का दौरा भी था. इसके अलावे हमें टी20 वर्ल्ड कप भी खेलना था. ऐसे में टीम को 4 महीने तक विदेश में रहना था.
उन्होंने कहा कि वर्ल्ड से पहले टीम के सीनियर खिलाड़ियों ने ब्रेक लेने का सोचा और उन्होंने टी20 वर्ल्ड कप को गंभीरता से नहीं लिया. मुझे लगा कि सभी सीनियर्स के आराम करने के बाद मैं टी20 वर्ल्ड कप में भारत की कप्तानी करूंगा और इसकी मुझे पूरी उम्मीद थी. बाद में यह घोषणा की गई कि महेंद्र सिंह धोनी टूर्नामेंट में भारत के कप्तान होंगे.
युवराज ने जहीर खान से जुड़ा एक मजेदार किस्सा बताया. गांगुली, द्रविड़ और सचिन ने 2007 के टी20 वर्ल्ड कप से रेस्ट लेने का फैसला लिया था. इसके बाद जहीर खान ने भी भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) से आराम देने की मांग की थी. जहीर ने कहा था कि वे काफी क्रिकेट खेल चुके हैं.
युवी ने कहा कि मुझे याद है टी20 वर्ल्ड कप का पहला मैच वेस्टइंडीज और साउथ अफ्रीका के बीच हुआ था. क्रिस गेल ने 50-55 गेंदों (50) में शतक जड़ दिया था. रात में जहीर ने मुझे मैसेज किया करते हुए कहा कि अच्छा हुआ जो मैंने इस टूर्नामेंट के लिए आराम ले लिया. इसके बाद हम वर्ल्ड कप जीत गए थे. जिस दिन हमने फाइनल मुकाबला जीता, उस रात फिर से जहीर ने मैसेज किया और कहा, 'अरे नहीं! मुझे आराम नहीं लेना चाहिए था.'
2007 के टी20 वर्ल्ड कप में युवराज ने इंग्लैंड के स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ओवर में लगातार छह छक्के जड़कर इतिहास रच दिया था. छह छक्के जड़ने से पहले 18वें ओवर में युवी और एंड्रयू फ्लिंटॉफ के बीच काफी तीखी बहस हुई थी. युवराज ने फ्लिंटॉफ के साथ हुए विवाद पर कहा, 'मुझे याद है कि मैंने फ्लिंटॉफ को दो चौके जड़े और जाहिर तौर पर उसे यह पसंद नहीं आया होगा. फ्लिंटॉफ ने मुझे कहा था, 'इधर आओ मैं तेरी गर्दन तोड़ दूंगा.' युवराज ने बताया कि वो लड़ाई काफी ज्यादा गंभीर थी. मेरा मन हुआ कि मैं हर गेंद को छक्के के लिए पहुंचा दूं.'
राहुल द्रविड़ की कप्तानी में भारतीय टीम 2007 विश्व कप के ग्रुप स्टेज में ही बाहर हो गई थी. जिसके बाद भारतीय टीम की काफी आलोचना हुई थी. युवराज ने उस दौरान हुए दिलचस्प वाकए के बारे में बताया है. युवी ने कहा कि मैं और भज्जी वनडे विश्व कप से बाहर होने के बाद लगभग छिपते फिर रहे थे. हम यही सोच रहे थे कि 'पंजाब नहीं जाना यार, बहुत छित्तर पड़ेंगे'. हम कुछ दिन इंग्लैंड में छिपे रहे थे और इसके बाद हम घर वापस चले गए. मुझे याद है कि घर वापसी के दौरान मैंने एक टी-शर्ट पहनी थी, जिस पर लिखा था 'प्ले हार्ड या गो होम'. भज्जी ने मुझे इसे बदलने के लिए कहा क्योंकि हम टूर्नामेंट से बाहर होकर घर जा रहे थे. भज्जी ने कहा कि अगर किसी ने इस टी-शर्ट को पहने देख लिया तो लोग हम पर हमला भी कर सकते हैं.
धोनी और युवराज को लेकर हमेशा ये बात कही जाती थी कि इन दोनों खिलाड़ियों में मतभेद रहे हैं. लेकिन इस मुद्दे पर युवराज सिंह का कहना है कि उनका धोनी के साथ कभी किसी तरह का मनमुटाव नहीं था. टीम का जो भी कप्तान बने उसे सपोर्ट करना पड़ता है वो चाहे द्रविड़ हों, गांगुली या फिर कोई और. युवराज ने खुलासा किया कि इंग्लैंड के खिलाफ छह छक्के जड़ने के बाद धोनी काफी खुश थे. युवी ने कहा, 'मुझे लगता है कि एमएस बहुत खुश थे. यदि आप कप्तान हैं और दूसरा खिलाड़ी छक्के जड़े जा रहा है, तो आप खुश होंगे कि स्कोर बढ़ रहा है. वह गेम जीतना हमारे लिए काफी जरूरी था.'
युवराज सिंह की अभी फुलटाइम कोच बनने की कोई योजना नहीं है. लेकिन वह पंजाब युवा क्रिकेटरों के साथ काम करने और उन्हें कल का सुपरस्टार बनाने के लिए उत्सुक हैं. युवराज ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि लंबे समय तक मैं कोचिंग देना चाहूंगा, क्योंकि इसके अलावा भी करने के लिए बहुत कुछ है. मैं शायद उन लड़कों के साथ काम करूंगा जो मुझे पसंद हैं. यह तभी हो पाएगा जब मैं साथ एक-दो महीने बिताऊंगा. खेल के साथ ही उनकी वोकैबलरी (शब्दावली) पर भी ध्यान दूंगा. कुछ लड़के इतनी अच्छी अंग्रेजी बोल पाते हैं कि जो इस भाषा को जानते हैं वो भी भूल जाएं. हमारे कप्तान हरभजन सिंह ने ये नियम बनाया है कि रविवार को पंजाब की टीम में इंग्लिश डे होगा. जो भी इस नियम को तोड़ेगा और पंजाबी में बोलने की गलती करेगा उसे एक हजार रुपये का जुर्माना देना होगा.'
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