पहलवान सागर मर्डर केस में गिरफ्तार हएे रेसलर सुशील कुमार को दिल्ली पुलिस ने आज सुबह छत्रसाल स्टेडियम ले गई

छत्रसाल स्टेडियम में टीम ने घटना का रीक्रिएशन किया और 1 घंटे रुकने के बाद क्राइम ब्रांच की टीम उन्हें लेकर वापस आ गई

Update: 2021-05-25 07:54 GMT

जनता से रिश्ता | छत्रसाल स्टेडियम में पहलवान सागर मर्डर केस में गिरफ्तार ओलिंपिक मेडलिस्ट रेसलर सुशील कुमार को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम आज सुबह छत्रसाल स्टेडियम लेकर गई। वहां टीम ने घटना का रीक्रिएशन किया। 1 घंटे रुकने के बाद क्राइम ब्रांच की टीम उन्हें लेकर वापस आ गई। सुशील से पूछताछ करने वाले एक बड़े अधिकारी ने बताया कि वह लगातार अपने बयान बदल रहे हैं। सुशील ने कहा कि स्टेडियम में पहलवानों की लड़ाई हो रही थी और वे बस मामले को शांत कराने गए थे।

क्राइम ब्रांच की टीम ने सुशील से यह 3 सवाल पूछे-

  • सागर और उसके साथी को किडनैप कर किस रास्ते से स्टेडियम लाया गया था?
  • वारदात के वक्त सागर कहा खड़ा था और उन्हें किस जगह पीटा गया?
  • सागर को मारने के बाद सुशील और उसके साथी किस रास्ते से भागे?
  • फॉरेंसिक टीम के जरिये सबूत जुटाने में लगी क्राइम ब्रांच

पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुशील कस्टडी में थोड़ा परेशान है और आसानी से कुछ भी नहीं बता रहा है। क्राइम ब्रांच की टीम अब तमाम सबूत सुशील के सामने रख कर पूछताछ करेगी। जानकारी के मुताबिक, मौके पर से जिस गाड़ी से हथियार बरामद हए, वह विनोद नाम के व्यक्ति का है और वह सुशील का करीबी है। उसकी धड़ पकड़ की कोशिश भी की जा रही है। क्राइम ब्रांच की टीम फॉरेंसिक एक्सपर्ट के जरिये एक बार फिर मौका-ए-वारदात से सबूत जुटाने में लगी है।

सुशील के लिए बेहद तनाव भरी रही पहली रात

सुशील कुमार की पुलिस हिरासत में पहली रात बेहद तनाव भरी रही। उसे खुद की गलती का अहसास भी शायद होने लगा है। सूत्रों के मुताबिक वह पुलिस अधिकारियों के सामने रोया भी है। देर रात मॉडल टाउन थाने में वह दो बजे तक ठहरा। वहीं, सुशील के नीरज बवाना गैंग और लॉरेंस बिश्नोई-काला जठेड़ी गैंग से रिश्ते के भी सबूत मिले हैं। सुशील उनके पारिवारिक समारोह में भी शामिल होते थे।

हत्या के दिन सुशील के साथ बवाना के गुर्गे थे

पुलिस का दावा है कि सुशील के बवाना से संबंध के पुख्ते सबूत मिले हैं। छत्रसाल स्टेडियम में घटना स्थल से पुलिस ने जो गाड़ियां बरामद की थीं, उसमें से एक बवाना के गुर्गे मोहित की है। पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि हत्या के दिन सुशील के साथ बवाना के गुर्गे भी थे। पुलिस को अब भी 7 संदिग्ध लोगों की तालाश है, जो फरार चल रहे हैं। इनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।

वसूली में भी सुशील के शामिल होने की अशंका

पुलिस को कुछ हफ्ते पहले हुए केबल कारोबारी से जबरन वसूली में भी सुशील के शामिल होने के सबूत मिले हैं। सुशील देर रात मॉडल टाउन थाने में दो बजे तक ठहरा। इसके बाद क्राइम ब्रांच की टीम उसे पूछताछ के लिए शकरपुर स्थित अपने ऑफिस ले गई।

मदद करने वालों में राष्ट्रीय हैंडबॉल प्लेयर का नाम भी आया

सुशील की मदद करने वालों में एक राष्ट्रीय महिला खिलाड़ी का नाम सामने आया है। वह हैंड बॉल प्लेयर है। पुलिस ने जब सुशील और उसके साथी अजय को को मुंडका इलाके से पकड़ा, तब वे एक स्कूटी पर सवार थे। यह स्कूटी इस महिला खिलाड़ी के नाम पर ही रजिस्टर्ड है। पुलिस ने स्कूटी जब्त कर ली है।

केस के चश्मदीद सोनू महाल को मिली सुरक्षा

इस केस में सोनू महाल और अमित पीड़ित होने के साथ ही चश्मदीद भी हैं। पुलिस ने सोनू को सुरक्षा प्रदान की है। उसके साथ ड्यूटी पर दो पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं। हिस्ट्रीशीटर सोनू सोनीपत के पिनाना का है। एक खास वर्ग सुशील और सोनू के परिवार के बीच समझौते की कोशिश में लगा है।

सागर के पिता की चिंता- कहीं केस को कमजोर न बना दिया जाए

सागर की हत्या मामले में सुशील की गिरफ्तारी से सागर के कांस्टेबल पिता को संतुष्टि मिली थी। लेकिन, अब यह चिंता भी सता रही है कि केस को कमजोर किया जा सकता है। उनके मुताबिक सामने वाला पक्ष बहुत मजबूत है, उन्हें डर है कि वे किसी को भी खरीद सकते हैं।

ऐसे में यदि दिल्ली क्राइम ब्रांच के साथ एक और निष्पक्ष जांच इस मामले के साथ जोड़ दी जाए तो मामले की और बेहतर ढंग से जांच हो सकती है। हालांकि उन्हें स्पष्ट किया कि उन्हें अपनी दिल्ली पुलिस पर पूर्ण विश्वास है और वे आरोपी को उसके अंजाम तक पहुंचाने में भी सक्षम हैं।

सुशील के गैंगस्टर से संबंध खंगाले जाएं

उधर, सागर के पिता अशोक धनकड़ के पिता ने बताया कि सुशील का पक्ष काफी ताकतवर है। वे किसी को खरीद भी सकते हैं। सुशील का दस साल का रिकॉर्ड खंगाला जाना चाहिए कि उसके किस-किस गैंगस्टर से संबंध थे।

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