Wimbledon 2021: जूनियर चैंपियन बने भारतीय मूल के समीर बनर्जी, पहली बार जीता ग्रैंड स्लैम खिताब

विंबलडन 2021 (Wimbledon 2021) में भारत के खाते में तो कोई सफलता नहीं आई,

Update: 2021-07-11 15:56 GMT

विंबलडन 2021 (Wimbledon 2021) में भारत के खाते में तो कोई सफलता नहीं आई, लेकिन भारतीय मूल के एक युवा खिलाड़ी ने जरूर अपना नाम चमका दिया है. भारतीय मूल के अमेरिकी खिलाड़ी समीर बनर्जी (Samir Banerjee) ने जूनियर सिंगल्स का खिताब जीत लिया है. रविवार 11 जुलाई को पुरुष सिंगल्स से पहले हुए लड़कों के सिंगल्स (Boy's Singles) फाइनल में समीर बनर्जी ने अमेरिका के ही विक्टर लिलोव को सीधे सेटों में 7-5, 6-3 से हराकर खिताब अपने नाम कर लिया. इसके साथ ही जूनियर लेवल पर विंबलडन चैंपियनशिप का अमेरिका का 6 साल का इंतजार खत्म हुआ. समीर से पहले राइली ओपेल्का ने 2015 में ये खिताब जीता था.

अमेरिका के न्यू जर्सी के रहने वाले समीर बनर्जी अपने जूनियर करियर का सिर्फ दूसरा ही ग्रैंड स्लैम खेल रहे थे. 17 साल के बनर्जी ने इससे पहले फ्रेंच ओपन में हिस्सा लिया था, लेकिन पहले राउंड में ही बाहर हो गए थे. इस बार बनर्जी ने न सिर्फ पहला दौर पार किया, बल्कि पूरे टूर्नामेंट में अपना जलवा दिखाया और फाइनल जीत कर ही दम लिया.


1 घंटा 22 मिनट में ही जीता फाइनल
समीर और विक्टर की पहले सेट में जोरदार टक्कर हुई और दोनों खिलाड़ियों ने 5-5 गेम जीतकर सेट को 7वें गेम तक पहुंचाया. यहां समीर ने आखिरी दोनों गेम जीतकर सेट को अपने नाम कर लिया. दूसरे सेट में तो समीर ने विक्टर को मौका ही नहीं दिया और 6-3 से अपने नाम कर खिताब पर कब्जा किया. जूनियर सर्किट में 19वीं रैंक समीर बनर्जी ने सिर्फ एक घंटा और 22 मिनट में फाइनल मैच निपटा दिया और पहला खिताब जीता.
जूनियर सर्किट में समीर बनर्जी का प्रदर्शन अभी तक अच्छा रहा है और पिछले साल से उन्होंने आईटीएफ टूर्नामेंटों में धमाल मचाया है. वह अभी तक 16 टूर्नामेंट में हिस्सा ले चुके हैं और 10 बार फाइनल खेल चुके हैं. भारतीय मूल के समीर बनर्जी के माता-पिता 1980 के दशक में ही अमेरिका चले गए थे और तब से ही वहीं बसे हैं.
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