जब 12 साल की उम्र में 85 किलो हो गया था जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा का वजन, फिर...
नई दिल्ली. नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया. एथलेटिक्स में भारत का यह पहला ओलंपिक मेडल है. उन्होंने 87.58 मीटर भाला फेंककर गोल्ड भारत की झोली में डाला. नीरज चोपड़ा ने इसी के साथ साबित कर दिया कि वो कितने ज्यादा फिट हैं. एक समय था, जब उनके अधिक वजन के कारण गांव के लड़के सरपंच कहकर उनका मजाक उड़ाते थे. इसके बाद ही उनके पिता ने उन्हें जिम भेजना शुरू किया.
दरअसल जब नीरज 12 साल के थे, तब मलाई बूरा शक्कर खाने की वजह से उनका वजन 85 किलो तक हो गया था. ऐसे में जब वह कुर्ता पहनकर बाहर निकलते थे तो गांव के लड़के गांव का सरपंच कहकर उनका मजाक उड़ाया करते थे.
हालांकि जिम में सबसे छोटे होने के कारण उन्होंने वहां जाने से मना कर दिया. इसके बाद उन्होंने मैदान पर कदम रखा और कोच जयवीर सिंह ने उनके टैलेंट को पहचान लिया. बिना ट्रेनिंग के ही नीरज 40 मीटर तक जेवलिन फेंक रहे थे. इसके बाद नीरज का एक नया सफर शुरू हुआ.
नीरज चोपड़ा ने अपने इस सपने को पूरा करने के लिए मीठा तक छोड़ दिया. जो उन्हें काफी पसंद है. ओलंपिक में इतिहास रचने के बाद अब नीरज की मां का कहना है कि वो अपने बेटे को जी भरकर बूरा खिलाएंगी. नीरज ने सबसे पहले भाला फेंकने की कला पानीपत के कोच जयवीर सिंह से सीखी थी. इसके बाद पंचकूला में उन्होंने 2011 से 2016 की शुरुआत तक ट्रेनिंग लिया. हालांकि नीरज सिर्फ भाला ही नहीं फेंकते थे, बल्कि लंबी दूरी के धावकों के साथ दौड़ते भी थे.