Spotrs.खेल: भारतीय रेसलर विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया शुक्रवार को कॉन्ग्रेस में शामिल हो गए। इसके बाद से बयानबाजी को दौर जारी है। बीते साल यह दोनों पहलवान साक्षी मलिक के साथ तत्कालीन डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के साथ धरने पर बैठे थे। अब दोनों ओलंपियन के कांग्रेस में शामिल होने को इस धरने से भी जोड़ा जा रहा है।
विनेश फोगाट पर साजिश का आरोप
बृजभूषण सिंह ने इसे कांग्रेस की साजिश बताया। उन्होंने विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया पर तो कई आरोप लगाए लेकिन साक्षी मलिक को लेकर कुछ नहीं कहा। उन्होंने अपने पूरे बयान में साक्षी के नाम का जिक्र भी नहीं किया। भूषण ने विनेश फोगाट को चीटर बताया। उन्होंने कहा कि वह गलत तरीके से ओलंपिक गईं और इसी का उनके साथ वह वह सब हुआ।
वहीं बृजभूषण सिंह के करीबी और रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष संजय सिंह ने भी दोनों पहलवानों पर निशाना साधा। संजय सिंह ने कहा कि तीनों पहलवान धरने पर तब बैठे जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारतीय कुश्ती सुरक्षित हाथों में है।
संजय सिंह ने कहा पीएम मोदी की तारीफ के बाद शुरू हुआ धरना
संजय सिंह ने एएनआई से कहा, ‘धरने की नींव उसी दिन पड़ गई थी जिस दिन हमारे यशस्वी प्रधानंत्री ने हमारे अध्यक्ष बृजभूषण सिंह की तारीफ की थी। यह कहा था कि कुश्ती सही हाथों में हैं। बीते 12 सालों में कुश्ती को बढ़ाया। षड्यंत्र करके भारत के कुश्ती के मेडल भी कम कराए गए। कुश्ती ओलंपिक इयर में दो साल तक कुछ नहीं हुआ, खिलाड़ी अभ्यास नहीं कर पाए और इस कारण वह मेडल नहीं ला पाए।’
उन्होंने बात जारी करते हुए कहा, ‘इन लोगों को जो करना था उन्होंने कर दिया। लेकिन अब वह खेल का कुछ नहीं कर पाएंगे। कुश्ती संघ और किसी भी खिलाड़ी का कुछ कर नहीं पाए। हमारे जूनियर खिलाड़ी शबाब पर है। वह अपने अभ्यास में लग गए हैं। इनका कोई असर इनपर नहीं पड़ेगा।’
उन्होंने बात जारी करते हुए कहा, ‘बृज भूषण शरण सिंह बीजेपी के थे लेकिन मैं किसी पार्टी या व्यक्ति से जुड़ा नहीं हूं, फिर भी उन्होंने मेरा भी विरोध किया। यह पूरा विरोध राजनीति से प्रेरित था। उन्होंने विरोध शुरू किया और बृज भूषण शरण सिंह ने कुश्ती से खुद को अलग कर लिया, इसलिए यह मुद्दा वहीं खत्म हो जाना चाहिए था, लेकिन यह राजनीति से प्रेरित था और इसके पीछे कांग्रेस थी।’