Spotrs.खेल: भारतीय टीम के पूर्व विस्फोटक ओपनिंग बल्लेबाज वीरेंदर सहवाग (Virender Sehwag) गेंदबाजों के लिए खौफ बनकर क्रीज पर उतरथे. वह पारी की शुरुआत से ही पहले नई गेंद से तेज गेंदबाजों की बखिया उधेड़ते थे और फिर गेंद पुराना होने के बावजूद स्पिनरों को भी नहीं छोड़ते थे. सहवाग के दौर में भारतीय टीम की बैटिंग लाइन अप में राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण का भी नाम था. ये सभी स्पिनर हों या तेज गेंदबाज सभी पर हावी होकर खेलते थे. लेकिन इस पीढ़ी के रिटायर होने के बाद भारतीय टीम में अब अकसर बल्लेबाज क्वॉलिटी स्पिनरों के सामने संघर्ष करते दिखते हैं. हाल ही में भारत श्रीलंका दौरे पर 0-2 से वनडे सीरीज हार गया. इसकी बड़ी वजह लंकाई टीम के स्पिनर ही रहे, जिनके सामने भारतीय बल्लेबाज टिक नहीं पाए. सहवाग ने इसकी वजह बताई है.
vs श्रीलंका- 3 ODI में भारत ने स्पिनरों के खिलाफ गंवाए 27 विकेट
श्रीलंका के खिलाफ 3 वनडे मैचों की सीरीज में भारत ने अपने 30 विकेट में 27 विकेट स्पिनरों के खिलाफ ही गंवाए. सीरीज का पहला मैच टाई रहा था, जिसके बाद टीम इंडिया अंतिम दोनों वनडे मैच हार गई. इसका मतलब साफ है कि भारतीय क्रिकेट में अब वे दिन चले गए, जब स्पिनरों के खिलाफ भारतीय बल्लेबाजों का डंका बजता था और यह भी मायने नहीं रखता था कि वे कहां बैटिंग कर रहे हैं. तब भारतीय बल्ले स्पिन फ्रेंडली विकेट पर भी गेंदबाजों पर हावी होते दिखते थे.
स्पिन को खत्म कर रही है T20 क्रिकेट
सहवाग ने हिंदी दैनिक अमर उजाला से बातचीत में बताया, ‘इसकी सबसे बड़ी वजह सफेद बॉल क्रिकेट का लगातार बढ़ते जाना है खासतौर से टी20 क्रिकेट. इससे स्पिनर कम ही सामने आएंगे क्योंकि टी20 क्रिकेट में आपको 24 गेंद ही फेंकनी होती हैं और तब आप बल्लेबाजों को फ्लाइट नहीं कराएंगे. तो इससे वह कौशल विकसित नहीं कर पाएंगे कि बल्लेबाजों को कैसे आउट करना है. मुझे लगता कि यह एक बार कारण है.’
घरेलू क्रिकेट में नहीं खेलना भी वजह
इसके आगे सहवाग ने कहा, ‘इसके अलावा भारतीय
खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट भी कम खेलने लगे हैं. घरेलू क्रिकेट में आपको इंटरनेशनल क्रिकेट से ज्यादा स्पिन खेलने को मिलती है. तो यह भी एक वजह हो सकती है. मुझे लगता है कि अभी भारत में कोई क्वॉलिटी स्पिनर नहीं है, जिसे देखकर मैं यह कह सकूं कि वह अच्छी फ्लाइट कर विकेट लेता हो.’
घरेलू क्रिकेट भी खूब खेलते थे- सचिन, गांगुली जैसे दिग्गज
वीरू ने कहा, ‘हमारे दौर में द्रविड़, सचिन, गांगुली, लक्ष्मण, युवराज और हम सभी घरेलू क्रिकेट भी खेला करते थे. चाहे यह वनडे या 4 दिवसीय क्रिकेट हो, हम घरेलू क्रिकेट में खेलते थे. लेकिन आज के व्यस्त शेड्यूल में खिलाड़ियों को सीमित समय ही मिलता है. इन दिनों कई लीग हैं, जिनके चलते स्पिन को खेलने की कला खिलाड़ी विकसित नहीं कर पा रहे हैं.’