विराट कोहली जड़ सकते है शतक, मैच से पहले कोच राहुल द्रविड़ की भविष्यवाणी

Update: 2022-09-04 02:08 GMT

भारतीय क्रिकेट टीम को एशिया कप 2022 सीजन में आज (4 सितंबर) पाकिस्तान के खिलाफ मैच खेलना है. यह मैच दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में भारतीय समयानुसार शाम 7.30 बजे से होना है. इस मैच में पूर्व भारतीय कप्तान विराट कोहली से बड़े स्कोर की उम्मीद है.

कोहली को इंटरनेशनल शतक लगाए हुए करीब तीन साल होने वाले हैं. उन्होंने पिछला इंटरनेशनल शतक नवंबर 2019 को लगाया था. ऐसे में फैन्स समेत खेल जगत के दिग्गजों को भी कोहली से शतक की उम्मीद है.

पाकिस्तान के खिलाफ मैच से पहले कोच राहुल द्रविड़ ने कहा है कि उनकी सभी खिलाड़ियों से बात हुई है. विराट कोहली कुछ बड़ा धमाका करने की कोशिश में हैं. पाकिस्तान के खिलाफ मैच में वह बड़ा स्कोर करने करना चाहेंगे. ऐसे में उनसे शतक की उम्मीद पूरी है. द्रविड़ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'मेरी विराट कोहली और बाकी खिलाड़ियों से क्या बात हुई है, यह मैं आपको नहीं बता सकता हूं. उन्होंने पिछले मुकाबले (हॉन्ग कॉन्ग के खिलाफ) में शानदार प्रदर्शन किया है. खुशी है कि उन्होंने खराब फॉर्म के जाल को तोड़ा है. अब उम्मीद है कि यहां से उन्हें नई बेहतरीन शुरुआत मिलेगी.'

कोच द्रविड़ ने कहा, 'विराट कोहली कुछ बड़ा परफॉर्मेंस करने के इच्छुक हैं. मुझे खुशी कि उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया भी है. उन्होंने जिस तरह से पिछला मैच खेला, वह बेहद शानदार रहा था. वह एक महीने के ब्रेक के बाद वापसी कर रहे हैं. मैं उनके लिए भी बेहद खुश हूं. हमारे लिए यह जरूरी नहीं है कि वह कितने रन बनाता है. यदि टीम को जीत की जरूरत है, तो उनका छोटा सा योगदान भी बेहद जरूरी है.'

हाल ही में एशिया कप से पहले कोहली ने कहा था, 'मुझे हमेशा ही ऐसे व्यक्ति के रूप में देखा जाता है, जो दिमागी तौर पर काफी मजबूत है. मैं ऐसा हूं, लेकिन हर किसी की एक लिमिट होती है और आपको उस लिमिट को पहचानने की जरूरत होती है. अन्यथा चीजें आपके लिए गलत हो सकती हैं. इस वक्त ने मुझे काफी कुछ सिखाया है, जिन्हें मैं समझ नहीं पा रहा था. यह चीजें जब आईं, तो मैंने उन्हें स्वीकार किया.'

कोहली ने यह भी स्वीकार किया कि वह मानसिक तौर पर भी थोड़े कमजोर हुए थे. उन्होंने कहा, 'मुझे यह स्वीकार करने में कोई दिक्कत नहीं है कि मैं मानसिक तौर भी कमजोर हुआ था. यह बहुत ही सामान्य सी बात थी, जो मैंने महसूस की, लेकिन हम हिचकिटाहट के कारण बोलते नहीं हैं. हम मानसिक तौर पर कमजोर नहीं दिखना चाहते हैं. मेरा यकीन कीजिए, मजबूत होने का दिखावा करना कमजोर होने को स्वीकार करने से कहीं ज्यादा घातक है.'


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