Tokyo Paralympics: टोक्यो पैरालंपिक में कांस्य पदक जितने के बाद विनोद को करना होगा इंतजार, जानें पूरा मामला
टोक्यो पैरालंपिक में भारत के लिए रविवार का दिन बेहद खास रहा।
टोक्यो पैरालंपिक में भारत के लिए रविवार का दिन बेहद खास रहा। भारत की झोली में आज दो रजत समेत कुल तीन पदक आए। दिन के आखिरी में 41 वर्षीय बीएसएफ जवान विनोद कुमार ने चक्का फेंक में कांस्य पदक जीतकर देश को खुशी का मौका दिया। हालांकि कुछ देर बाद ही आयोजकों के एक फैसले की वजह से जश्न फीका पड़ गया।
दरअसल फाइनल रिजल्ट के बाद चक्का फेंक एथलीट विनोद कुमार का पुरुषों की एफ52 स्पर्धा में कांस्य पदक उनके विकार के क्लासीफिकेशन पर विरोध के बाद रोक दिया गया। इसी वजह से इस स्पर्धा का विक्ट्री सेलिब्रेशन भी नहीं हुआ और अब इसपर सोमवार को फैसला आने की उम्मीद है।
क्या है पूरा मामला
बता दें कि एफ52 स्पर्धा में वो एथलीट हिस्सा लेते हैं जिनकी मांसपेशियों की क्षमता कमजोर होती है और उनके मूवमेंट सीमित होते हैं, हाथों में विकार होता है या पैर की लंबाई में अंतर होता है जिससे खिलाड़ी बैठकर प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लेते हैं। आयोजकों ने 22 अगस्त को विनोद का क्लासिफिकेशन किया था। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि किस आधार पर क्लासिफिकेशन को चुनौती दी गई है।
खेलों के आयोजकों के एक बयान के अनुसार, 'प्रतियोगिता में क्लासिफिकेशन निरीक्षण के कारण इस स्पर्धा का नतीजा अभी समीक्षा के अधीन है। पदक समारोह भी 30 अगस्त के शाम के सत्र तक स्थगित कर दिया गया है।'
भारत के दल प्रमुख गुरशरण सिंह ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा कि विनोद कुमार का पदक अभी बना रहेगा। उन्होंने कहा, 'विरोध एक देश या शायद एक से ज्यादा देश से हो सकता है, हम नहीं जानते क्योंकि इसका खुलासा नहीं किया जा सकता। विनोद का पैरालंपिक शुरू होने से पहले जो क्लासिफिकेशन किया गया था, उसमें कुछ मुद्दा हो सकता है। उन्होंने कहा, 'विनोद का नतीजा जो कांस्य पदक है, वो अब भी बरकरार है और इस संबंध में फैसला आज आने की उम्मीद नहीं है क्योंकि अब बहुत देर हो गयी है। इस पर कल फैसले की उम्मीद है।'