Tokyo Olympics: शिव, हनुमान को साथ टोक्यो लेकर जाएंगी मीराबाई चानू

सब कुछ आशा के अनुरूप रहा तो टोक्यो ओलंपिक के पहले दिन ही देश की झोली में पदक गिराने का काम वेटलिफ्टर मीराबाई चानू कर सकती हैं.

Update: 2021-07-16 10:58 GMT

सब कुछ आशा के अनुरूप रहा तो टोक्यो ओलंपिक के पहले दिन ही देश की झोली में पदक गिराने का काम वेटलिफ्टर मीराबाई चानू कर सकती हैं। देश ही नहीं दुनिया को उम्मीद है पूर्व विश्व चैंपियन मीरा 49 किलो में ओलंपिक पदक जीत सकती हैं। मीरा को भी मालूम है उन पर सभी की निगाहें हैं। यही वजह है कि वह अपने ऊपर उम्मीदों का भार महसूस कर रही हैं और इससे निपटने का सहारा उन्होंने भगवान शिव और हनुमान जी को बनाया है।

मीरा को मुंह जुबानी कंठस्थ है हनुमान चालीसा
चार साल पहले रियो ओलंपिक की विफलता ने मीरा को हनुमान जी और भगवान शिव का भक्त बना दिया। रियो में उनके हाथ में पदक था लेकिन क्लीन एंड जर्क में वह एक भी लिफ्ट नहीं उठा सकीं। एनआईएस पटियाला हो या सेंट लुई (अमेरिका) में उनके होटल का कमरा शिव और हनुमान जी की मूर्तिं जरूर मिलेगी।
यही वजह है अमेरिका से बृहस्पतिवार को तड़के टोक्यो रवाना होने के दौरान उन्होंने शिव और हनुमान को भी साथ ले लिया है। टोक्यो ओलंपिक खेल गांव के कमरे में प्रवेश करते ही वह सबसे पहले भगवान शिव और हनुमान जी को स्थापित करेंगी।
मीरा खुलासा करती हैं कि उन्हें मालूम है कि उनकी तैयारियां काफी अच्छी हैं। अगर वह अपनी तैयारियों को ओलंपिक प्लेटफॉर्म पर उतार पाईं तो पदक निश्चित रूप से मिलेगा, लेकिन रियो ओलंपिक का खौफ कहीं न कहीं रहता है।
उनका खेल ऐसा है कि कभी भी चोट लग सकती है। इन्हीं सबसे बचाने के लिए वह भगवान शिव और हनुमान जी की आराधना करती हैं। उन्हें हनुमान चालीसा और शिव आरती मुंह जुबानी कंठस्थ है। वह कभी भी इनका पाठ नहीं करना भूलती हैं। इससे उन्हें मानसिक मजबूती और आर्शीवाद मिलता है। खेल गांव के कमरे में भी वह इसी वजह से अपने भगवान को साथ लाई हैं।
टोक्यो पहुंच कर दो दिन जेट लैग उतारेंगी मीरा
मीराबाई शुक्रवार को टोक्यो पहुंच जाएंगी, लेकिन उन पर लंबी यात्रा की थकान रहेगी। यही कारण है कि कंपटीशन के लिए पूरी तरह फिट रहने के लिए वह दो दिन तक खेल गांव में प्रैक्टिस नहीं करेंगी।
सिर्फ जिम में हल्की फुल्की एक्सरसाइज करेंगी। इसके बाद वह अगले पांच दिन अभ्यास में जुटेंगी। अमेरिका से आने के चलते ही वेटलिफ्टिंग फेडरेशन ने आईओए से प्रार्थना की कि मीरा को जेट लैग से बचाना जरूरी है, इस लिए उनका टोक्यो जाने का कार्यक्रम एक दिन पहले कर दिया जाए, जिसे स्वीकार कर लिया गया।
2000 के सिडनी ओलंपिक में करणम मल्लेश्वरी ने 69 किलो भार में जीता था कांस्य पदक
सिडनी ओलंपिक में ही पहली बार महिला वेटलिफ्टिंग की गई थी शामिल
सिडनी में सनामाचा चानू और एथेंस ओलंपिक में कुंजारानी देवी चौथे स्थान पर रहीं, लंदन में सोनिया चानू सातवें स्थान पर रहीं
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