टोक्यो ओलिंपिक: जानिए भारतीय पुरुष हॉकी टीम किससे कब कहा और कितने बजे खेलेगी सेमीफाइनल
भारत अब 3 अगस्त को होने वाले सेमीफाइनल में मौजूदा विश्व चैंपियन बेल्जियम से भिड़ेगा. यह मुकाबला सुबह साढ़े सात बजे से शुरू होगा. भारत का यह मैच काफी कड़ा रहेगा.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- भारतीय दीवार' के नाम से मशहूर गोलकीपर पीआर श्रीजेश के शानदार खेल से भारतीय पुरुष हॉकी टीम (Indian Men's Hockey Team) ने ग्रेट ब्रिटेन को 3-1 से शिकस्त देकर टोक्यो ओलिंपिक खेलों (Tokyo Olympics 2020) के सेमीफाइनल में जगह बनाई. साथ ही 41 साल में पहला पदक जीतने की तरफ मजबूत कदम बढ़ाए. भारत ने ओलिंपिक में आखिरी पदक मॉस्को ओलिंपिक 1980 में स्वर्ण पदक के रूप में जीता था लेकिन तब केवल छह टीमों ने भाग लिया था और राउंड रोबिन आधार पर शीर्ष पर रहने वाली दो टीमों के बीच स्वर्ण पदक का मुकाबला हुआ था. इस तरह से भारत ने 1972 में म्यूनिख ओलंपिक के बाद पहली बार सेमीफाइनल में पहुंची है.
भारत अब 3 अगस्त को होने वाले सेमीफाइनल में मौजूदा विश्व चैंपियन बेल्जियम से भिड़ेगा. यह मुकाबला सुबह साढ़े सात बजे से शुरू होगा. भारत का यह मैच काफी कड़ा रहेगा. बेल्जियम हालिया समय में सबसे ताकतवर हॉकी टीमों में से एक है. उसे हराने के लिए भारत को पूरा जोर लगाना होगा साथ ही कम से कम गलतियां करनी होंगी. अगर भारतीय टीम सेमीफाइनल में जीत जाती है तो भारत का फाइनल में ऑस्ट्रेलिया या जर्मनी से मैच होगा. फाइनल 5 अगस्त को खेला जाएगा.
दिलप्रीत ने खोला भारत का खाता
क्वार्टर फाइनल में भारत ने आक्रामक शुरुआत की लेकिन ब्रिटिश रक्षकों ने पहले मिनट में ही सर्कल में अफरातफरी होने के बावजूद गोल बचा दिया. इसके तुरंत बाद ब्रिटेन को पेनल्टी कॉर्नर मिला जिसका भारतीयों ने अच्छा बचाव किया. दिलप्रीत ने सातवें मिनट में ब्रिटिश रक्षकों की गलती का फायदा उठाकर गोल दागा. उन्होंने हालांकि गेंद पर बहुत अच्छी तरह से नियंत्रण बनाया और जब उनके सामने केवल गोलकीपर थे तब उन्हें अच्छी तरह से छकाया. दूसरे क्वार्टर के शुरू में ही हार्दिक ने ब्रिटिश खिलाड़ियों से गेंद छीनी. इसे उन्होंने गुरजंट की तरफ बढ़ाया जिन्होंने उसे खूबसूरती से गोल के हवाले किया. इससे हाफ टाइम तक भारत 2-0 से आगे था.
आखिरी मिनटों में श्रीजेश का शानदार खेल
ग्रेट ब्रिटेन तीसरे क्वार्टर में गोल करने के लिये बेचैन दिखा. उसने भारत पर दबाव भी बनाया लेकिन उसके आक्रमण में पैनापन नजर नहीं आया. इस बीच भारतीय रक्षकों विशेषकर श्रीजेश ने अपना कमाल दिखाया. उन्होंने 39वें मिनट में ब्रिटिश टीम को गोल करने से रोका. श्रीजेश ने 44वें मिनट में रक्षण के अपने कौशल का बेहतरीन नमूना पेश किया लेकिन ग्रेट ब्रिटेन ने इस क्वार्टर के आखिरी मिनट में चार पेनल्टी कॉर्नर हासिल किये जिनमें से सैमुअल वार्ड चौथे को गोल में बदलने में सफल रहे. ग्रेट ब्रिटेन ने दबाव बनाये रखा. उसने चौथे क्वार्टर में चार मिनट के अंदर दो पेनल्टी कॉर्नर हासिल किये लेकिन दोनों अवसरों पर श्रीजेश ने उसकी मैच में बराबरी करने की मंशा पूरी नहीं होने दी.
इसके बाद हार्दिक का गोल दर्शनीय था. उन्होंने बीच मैदान से गेंद संभाली और अकेले ही उसे लेकर आगे बढ़े. उनका पहला शॉट ओलिवर पायने ने रोक दिया था लेकिन हार्दिक को फिर से गेंद मिली और इस बार उनका ताकतवर शॉट दनदनाता हुआ जाली में उलझ गया. भारत की जीत सुनिश्चित हो गई..