टोक्यो ओलंपिक गेम्स(Tokyo olympic 2020) में कुछ दिनों पहले ही बेलारूस(Belarus) की एथलीट Krystsina Tsimanouskaya का अपने कोच के साथ विवाद हो गया था. इस एथलीट ने ये भी कहा था कि उन्हें अपने देश जाने से डर लग रहा है और उन्हें वापस बेलारूस(Belarus) जाने पर जेल की सजा भी हो सकती है. अब इस एथलीट के बाद एक और खिलाड़ी ने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की है.
32 साल की हेप्टाएथलीट याना माकसिमोवा क्रॉचेंका (Yana maksimova krauchanka) का कहना है कि राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको के कार्यकाल में अगर वे अपने देश वापस जाती हैं तो वे ना केवल अपनी आजादी खो देंगी बल्कि वे अपनी जान भी गंवा सकती हैं. गौरतलब है कि याना फिलहाल अपने ओलंपिक सिल्वर मेडलिस्ट पति आंद्रे क्रॉचेंका और बच्चों के साथ जर्मनी में रहती हैं.
याना साल 2012 के ओलंपिक गेम्स में 17वें नंबर पर आई थीं. वे टोक्यो ओलंपिक्स 2020 के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाई हैं लेकिन वे अभी से ही तीन साल बाद होने वाले पेरिस ओलंपिक्स के लिए तैयारियां शुरू कर चुकी हैं. उन्होंने कहा कि हमने अपने देश वापस जाने को लेकर बहुत अधिक सोच-विचार किया था लेकिन आखिरकार हमने वहां नहीं जाने का फैसला किया.
उन्होंने आगे कहा कि ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि बेलारुस जाकर आप ना केवल अपनी आजादी बल्कि अपनी जान भी गंवा सकते हैं. लेकिन मैं अब भी उम्मीद करती हूं कि मेरा स्पोर्ट्स करियर इस फैसले के बाद भी आगे चलता रहेगा और मुझे ट्रेनिंग और ओलंपिक गेम्स में परफॉर्म करने का मौका मिलेगा.
गौरतलब है कि कुछ समय पहले बेलारूस की स्प्रिंटर Krystsina Tsimanouskaya ने जापान की एयरपोर्ट पुलिस से गुजारिश की थी कि उन्हें वापस बेलारूस ना भेजा जाए. उन्होंने कहा था कि वे अगर वापस गईं तो उन्हें जेल में डाल दिया जाएगा. क्रिस्टिस्ना की रिक्वेस्ट के बाद जापान पुलिस ने उन्हें सुरक्षित लोकेशन पर भेज दिया था.
बता दें कि क्रिस्टिस्ना अब जापान से निकल चुकी हैं. उन्हें पोलैंड का वीजा मिल चुका है. 24 साल की ये एथलीट पोलैंड में वरसॉ के लिए डायरेक्ट फ्लाइट पकड़नी वाली थीं लेकिन उन्होंने आखिरी मिनट पर इस फ्लाइट में ना बैठने का फैसला किया था. वे अब ऑस्ट्रिया के विएना से होते हुए पोलैंड पहुंचेंगी.
गौरतलब है कि क्रिस्टिस्ना उन 2000 बेलारूस के स्पोर्ट्स एथलीट्स में शामिल हैं जिन्होंने एक ओपन लेटर के सहारे नए सिरे से इलेक्शन कराने की मांग की है. इसके अलावा उन्होंने पॉलिटिकल प्रिजनर्स को भी रिहा कराने की मांग की है. वही पोलैंड के पीएम ने क्रिस्टिस्ना का अपने देश में स्वागत किया है. पोलैंड सरकार एलेक्जेंडर लुकाशेंको की धुर-विरोधी रही है और बेलारूस के कई लोगों को सपोर्ट करती रही है.