Tokyo Olympics 2020 : भारत की महिला पहलवानों ने मेडल रेस हुईं बाहर
अंक जुटाने में विफल रहने के बाद शीर्ष वरीय विनेश ने धैर्य खो दिया। यहां तक कि जब विनेश ने वेनेसा को पीछे से पकड़ा तो भी वह अच्छी स्थिति में होने के बावजूद विरोधी पहलवान के घुटनों के बल बैठाने में नाकाम रही
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | अंक जुटाने में विफल रहने के बाद शीर्ष वरीय विनेश ने धैर्य खो दिया। यहां तक कि जब विनेश ने वेनेसा को पीछे से पकड़ा तो भी वह अच्छी स्थिति में होने के बावजूद विरोधी पहलवान के घुटनों के बल बैठाने में नाकाम रही। विनेश ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी लेकिन वेनेसा के रक्षण को नहीं तोड़ पाई। यहां तक कि विनेश विरोधियों को चित्त करने वाले अपने पसंदीदा 'डबल लैग' आक्रमण के साथ भी अंक नहीं जुटा पाई।
बेलारूस की पहलवान अब अगर फाइनल में जगह बनाने में नाकाम रहती है तो विनेश का ओलंपिक अभियान एक और दिल तोड़ने वाली हार के साथ खत्म होगा। रियो ओलंपिक में विनेश क्वार्टर फाइनल में चीन की सुन से हार गई थी।
इस मुकाबले में विनेश के पैर के चोट लगी थी और उन्हें स्ट्रेचर पर बाहर ले जाया गया था। विनेश ने पहले दौर में रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता और विश्व चैंपियनशिप की छह बार की पदक विजेता स्वीडन की सोफिया मेगडालेना मैटसन को हराया। विनेश ने डिफेंस को आक्रमण में बदलने का शानदार नजारा पेश किया। भारत की 26 साल की पहलवान ने स्वीडन की खिलाड़ी को 7-1 से हराया। विनेश ने 2019 विश्व चैंपियनशिप में भी मैटसन को हराया था।
मैटसन ने जब भी विनेश के दायें पैर पर हमला किया जो भारतीय पहलवान ने पलटवार करते हुए अंक जुटाए। भारतीय खिलाड़ी ने पूरे मुकाबले के दौरान जज्बा बनाए रखा और विरोधी पहलवान को चित्त करने का मौका भी बनाया लेकिन स्वीडन की खिलाड़ी इससे बचने में सफल रही।विनेश ने 2019 विश्व चैंपियनशिप के अपने पहले दौर के मुकाबले में मैटसन को हराया था। भारतीय पहलवान ने विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक के साथ टोक्यो ओलंपिक का कोटा हासिल किया था।
वहीं इसके अलावा युवा अंशु मलिक भी 57 किग्रा वर्ग में रियो ओलंपिक की रजत पदक विजेता रूस की वालेरा कोबलोवा के खिलाफ रेपेशॉज मुकाबले में 1-5 की हार के साथ पदक की दौड़ से बाहर हो गई। अंशु हालांकि अपनी मजबूत प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ लगातार हमले करती रही और एक समय बढ़त पर थी लेकिन रूस की पहलवान ने दो अंक के साथ बढ़त बनाई और फिर जीत दर्ज करने में सफल रही।
उन्नीस साल की अंशु अपने पहले दौर में यूरोपीय चैंपियन इरिना कुराचिकिना से हार गई थी और बेलारूस की खिलाड़ी के फाइनल में जगह बनाने के बाद उन्हें रेपेशॉज में हिस्सा लेने का मौका मिला। आज भारत के पुरुष पहलवान रवि दहिया (57 किग्रा) और दीपक पूनिया (86 किग्रा) क्रमश: स्वर्ण और कांस्य पदक के लिए चुनौती पेश करेंगे।