इस विकेटकीपर ने कर दिखाया करिश्मा जो एक ही मैच में किसी ने नहीं किया है
दुनिया के दिग्गज विकेटकीपरों का जिक्र जब भी होगा तब भारतीय क्रिकेट टीम
दुनिया के दिग्गज विकेटकीपरों का जिक्र जब भी होगा तब भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) का नाम चर्चा में जरूर आएगा. टीम इंडिया (Team India) के लिए 90 टेस्ट, 350 वनडे और 98 टी20 मुकाबले खेलने वाले एमएस धोनी ने करियर में कई कीर्तिमान बनाए. बतौर विकेटकीपर उन्होंने कैच और स्टंपिंग के मामले में नए मुकाम हासिल किए. लेकिन अपने इतने लंबे करियर में धोनी भी वो काम नहीं कर सके जो एक खिलाड़ी ने सिर्फ एक मैच में कर दिखाया. मतलब ये करिश्मा धोनी जैसा महारथी भी अपने करियर में लोगों को नहीं दिखा सका. आइए, बताते हैं आपको कि आखिर क्रिकेट की दुनिया का वो कौन सा धुरंधर विकेटकीपर है जिसने धोनी से भी बड़ा काम कर दिखाया. वो भी सिर्फ एक मैच में.
दरअसल, हम जिस धुरंधर की बात कर रहे हैं उसका नाम है टेड पूली (Ted Pooley). इंग्लैंड की काउंटी क्रिकेट (County Cricket) में धमाल मचाने वाले टेड पूली को कभी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने का मौका नहीं मिल सका, लेकिन काउंटी क्रिकेट में उन्होंने एक ऐसा कारनामा किया जो महेंद्र सिंह धोनी, एडम गिलक्रिस्ट और कुमार संगकारा जैसे दिग्गज विकेटकीपर भी कभी अंजाम नहीं दे सके. दरअसल, पूली ने साल 1878 में आज ही के दिन यानी 21 अगस्त को सरे के लिए खेलते हुए केंट के खिलाफ एक मैच में आठ स्टंप किए. ये प्रदर्शन तब फर्स्ट क्लास क्रिकेट के रिकॉर्ड के तौर पर दर्ज हुआ.
370 मैचों में 496 कैच और 358 स्टंपिंग
इतना ही नहीं, टेड पूली ने इससे दस साल पहले यानी 1868 में ओवल के इसी मैदान पर ससेक्स के खिलाफ बतौर विकेटकीपर 12 शिकार किए थे. ये प्रदर्शन भी उस समय वर्ल्ड रिकॉर्ड के तौर पर दर्ज हुआ था. बेशक टेड पूली कभी इंग्लैंड के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का आगाज नहीं कर सके लेकिन एक वक्त पर वो इसके काफी करीब पहुंच गए थे. दरअसल, साल 1876-77 में मेलबर्न टेस्ट में उन्हें खेलना था, लेकिन न्यूजीलैंड में सट्टेबाजी के लिए उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया और उनके हाथ से टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करने का मौका भी चला गया. टेड पूली ने अपने करियर में 370 प्रथम श्रेणी मैचों में हिस्सा लिया. इसमें उन्होंने 496 कैच लिए जबकि स्टंप आउट कर 358 बल्लेबाजों को पवेलियन भेजने में अहम योगदान दिया.