गुमनामी में खो गए KKR को ट्रॉफी जिताने वाला ये विस्फोटक खिलाड़ी, जानिए कौन है इस लिस्ट में शामिल
साल 2012 के आईपीएल फाइनल में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के खिलाफ बल्ले से कहर नहीं मचाता तो शायद कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) की टीम साल 2012 में IPL का खिताब नहीं जीत पाती.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) को अपने दम पर IPL की ट्रॉफी जिताने वाले एक विस्फोटक खिलाड़ी का करियर गुमनामी में ऐसे खोया कि अब तो उसके नाम की कोई चर्चा तक नहीं होती है. ये खिलाड़ी अगर साल 2012 के आईपीएल फाइनल में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के खिलाफ बल्ले से कहर नहीं मचाता तो शायद कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) की टीम साल 2012 में IPL का खिताब नहीं जीत पाती.
गुमनामी में खो गया KKR को ट्रॉफी जिताने वाला ये विस्फोटक खिलाड़ी
साल 2012 के IPL फाइनल में चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ 48 गेंदों में 89 रनों की मैच विनिंग पारी खेलकर कोलकाता नाइटराइडर्स (KKR) को पहली बार ट्रॉफी दिलाने में मनविंद्र बिस्ला ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इस पारी के लिए उन्हें 'मैन ऑफ द मैच' का अवॉर्ड भी मिला था. अगले सीजन में वो अपना फॉर्म बरकरार रखने में विफल रहे, फिर KKR ने उन्हें रिलीज कर दिया. साल 2015 में बिस्ला RCB से जुड़े, लेकिन उन्हें ज्यादा मौका नहीं मिला. 6 साल तक वे IPL से दूर रहे. हालांकि पिछले साल यह भी खबर आई थी कि बिस्ला ने IPL में वापसी की उम्मीद छोड़ दी है.
मनविंद्र बिस्ला के अलावा 4 खिलाड़ी ऐसे रहे, जिनका करियर भी गुमनामी में खो गया था. आइए जानते हैं ऐसे कुछ 4 खिलाड़ियों के बारे में:
1. पॉल वल्थाटी
साल 2011 में चेन्नई सुपरकिंग्स (CSK) के खिलाफ किंग्स इलेवन पंजाब के लिए मैच विनिंग सेंचुरी लगाने के बाद पॉल वल्थाटी काफी चर्चा में आ गए. वो साल 2012 तक पंजाब के लिए एक अहम खिलाड़ी थे, जहां वो पारी को ओपन करते थे और काफी तेजी से रन बनाते थे. वल्थाटी उन कुछ खिलाड़ियों में से एक थे, जिन्होंने एक ही आईपीएल मैच में 4 विकेट और एक अर्धशतक दर्ज किया था. हालांकि, 2012 सीजन के बाद न तो पंजाब और न ही किसी अन्य टीम ने उन्हें चुना. अपने आईपीएल करियर में, उन्होंने 23 मैचों में 23 की औसत से एक शतक और एक अर्धशतक के साथ 505 रन बनाए थे.
2. डग बोलिंगर
ऑस्ट्रेलिया के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज डग बोलिंगर साल 2010 और साल 2012 के बीच चेन्नई सुपरकिंग्स टीम का हिस्सा थे, जहां उन्होंने चेन्नई सुपर किंग्स की 2 खिताबी जीत में अहम भूमिका निभाई. अपने आईपीएल करियर में उन्होंने 27 मैचों में 18.72 की औसत से 37 विकेट लिए. हैरानी की बात है कि गेंद के साथ अच्छा रिकॉर्ड होने के बावजूद बोलिंगर को नजरअंदाज किया गया.
3. राहुल शर्मा
पंजाब के गुगली गेंदबाज राहुल शर्मा ने आईपीएल के 2011 के सीजन में पुणे वारियर्स के लिए काफी प्रभावशाली गेंदबाजी की. उन्होंने 14 मैचों में 5.46 की इकौनमी रेट के साथ 16 विकेट लिए. राहुल शर्मा मुंबई इंडियंस के खिलाफ अपने जादुई प्रदर्शन की वजह से सुर्खियों में आए थे. आईपीएल 2011 में अपने बेहतरीन प्रदर्शन की वजह से उन्हें भारतीय टीम में खेलने का मौका मिला और वे कुल 4 वनडे और 2 टी-20 इंटरनेशनल खेले थे, लेकिन उनका राष्ट्रीय कार्यकाल 2011 के आईपीएल की तरह सफल नहीं रहा और बाद में उन्हें टीम इंडिया से हटा दिया गया. लंबे समय तक खराब प्रदर्शन के की वजह से उन्हें आईपीएल से भी बाहर होना पड़ा था.
4. स्वप्निल असनोदकर
आईपीएल के पहले सीजन में जहां ज्यादातर खिलाड़ियों ने सफलता के मंत्र का पता लगाने के लिए संघर्ष किया, वहीं गोवा के युवा विकेटकीपर बल्लेबाज स्वप्निल असनोदकर ने अनुभवी ग्रीम स्मिथ के साथ धमाकेदार शुरुआत करके सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया था. उन्होंने 9 मैचों में 34.55 के औसत और 133.47 के स्ट्राइक रेट से कुल 311 रन बनाए थे. हालांकि, असनोदकर अगले सीजन में अपने 2008 के इतिहास को दोहरा नहीं सके, क्योंकि वह 11 मैचों में केवल 112 रन ही बना सके. उनकी खराब फॉर्म लंबे समय तक बनी रही और वे आईपीएल से बाहर हो गए