ये 5 वजहों ने छिन लिया Virat Kohli का विश्व विजेता बनने का सपना
आईसीसी विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप का पहला संस्करण खत्म हो चुका है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | आईसीसी विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (ICC World Test Championship) का पहला संस्करण खत्म हो चुका है. भारत और न्यूजीलैंड (India vs New Zealand) ने इस फाइनल में जगह बनाई थी. फाइनल मैच रोमांचक होने की उम्मीद थी लेकिन बारिश ने इस मैच में लगातार खलल डाला और इसलिए मैच का परिणाम रिजर्व डे के दिन आया और न्यूजीलैंड ने भारत को हरा दिया. न्यूजीलैंड ने इस मैच को आठ विकेट से जीता. भारत ने पहली पारी में 217 रन बनाए थे. फिर कीवी टीम ने 249 रन बना उस पर 32 रनों की बढ़त ले ली थी. फिर भारतीय टीम दूसरी पारी में सिर्फ 170 रन ही बना पाई जिससे न्यूजीलैंड को जीत के लिए 138 रनों की जरूरत थी जो न्यूजीलैंड ने दो विकेट खोकर हासिल कर लिया.
एक बार फिर कोहली अपनी कप्तानी में आईसीसी टूर्नामेंट नहीं जीत सके. इस हार से भारत के फैंस निराश हैं. निश्चित तौर पर होंगे क्योंकि इस समय जो भारतीय टीम है उसमें काबिलियत है कि वह किसी भी जमीन पर जीत दर्ज कर सके. ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टीम ने इस बात को साबित किया था. लेकिन साउथैंप्टन में खेले गए इस टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल मैच में भारतीय टीम फिसड्डी साबित हुई. आइए नजर डालते हैं भारत की हार की पांच वजहों पर.
बड़ी पारी की कमी
भारत का कोई भी बल्लेबाज इस मैच में अर्धशतक तक नहीं जमा सका. पहली पारी में उप-कप्तान अजिंक्य रहाणे ने जरूर 49 रन बनाए लेकिन कोई और बल्लेबाज कुछ नहीं कर सका. रहाणे इस मैच में भारत के सर्वोच्च स्कोरर रहे क्योंकि दूसरी पारी में भी कोई भी बल्लेबाज पचास का आंकड़ा तक नहीं छू सका. ऋषभ पंत ने इस पारी में 41 रन बनाए. भारत की हार की एक वजह भारत की तरफ से बड़ी पारी न आना भी रही.
दूसरी पारी में सस्टे में सिमट जाना
दूसरी पारी में भारतीय बल्लेबाज लगातार विकेट खोते रहे और बड़ा स्कोर नहीं कर पाए. दूसरी पारी में भारतीय टीम सिर्फ 170 रन ही बना पाई जिससे टीम न्यूजीलैंड को बड़ा लक्ष्य नहीं दे सकी. न्यूजीलैंड को आखिरी दिन 139 रनों का लक्ष्य मिला था जो कीवी टीम ने आसानी से हासिल कर लिया. वहीं भारत के पुछल्ले बल्लेबाज दोनों पारियों में उस तरह का योगदान नहीं जे सके जिस तरह का उन्हें देना चाहिए था.
विरोधी टीम के पुछल्ले बल्लेबाजों का जल्दी न निपटा पाना
भारतीय गेंदबाज न्यूजीलैंड को पहली पारी में अच्छी शुरुआत करने से नहीं रोक पाए. हालांकि बीच में उन्होंने विकेट निकाले लेकिन पुछल्ले बल्लेबाजों ने एक बार फिर भारत को परेशान किया. न्यूजीलैंड ने पहली पारी में अपने पांच विकेट 135 रनों पर ही खो दिए थे लेकिन इसके बाद कीवी टीम के पुछल्ले बल्लेबाजों ने विकेट पर पैर जमाए और टीम को भारत के स्कोर से आगे ले गए और बढ़त भी दिला दी.
साझेदारियों का आभाव
टेस्ट में किसी भी टीम की जीत के लिए बड़ी साझेदारियां भी जरूरी होती हैं, लेकिन भारत की तरफ से वो भी नहीं हुई. भारत की तरफ से पहली पारी में सिर्फ दो अर्धशतकीय साझेदारियां हुई लेकिन दूसरी पारी में इसका भी आभाव रहा. अगर बल्लेबाज छोटी-छोटी साझेदारियां भी करते तो भारत एक मजबूत स्कोर बना सकता था.
स्विंग गेंदबाज की कमी
इंग्लैंड की परिस्थिति में गेंद स्विंग करती है और फिर इस मैच में बारिश ने भी मौसम उसी तरह का बना दिया था जिससे स्विंग गेंदबाज की अहमियत ज्यादा हो गई. न्यूजीलैंड के पास ट्रेंट बोल्ट, टिम साउदी और काइल जेमिसन हैं जो अच्छी स्विंग करा सकते हैं लेकिन भारत के पास कोई बेहतर स्विंग कराने वाला गेंदबाज नहीं था, इसलिए सोशल मीडिया पर भुवनेश्वर कुमार को इस मैच के लिए काफी याद किया गया था,