टीम इंडिया में होंगे बड़े बदलाव

Update: 2023-06-20 02:05 GMT

आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप (WTC) के फाइनल मुकाबले में भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 209 रनों से करारी हार का सामना करना पड़ा था. फाइनल मुकाबले में हार के बाद‌ से ही भारतीय क्रिकेट में बड़े बदलाव करने की मांग हो रही है. खासतौर पर रोहित शर्मा की कप्तानी पर दिग्गज खिलाड़ियों ने सवाल उठाए हैं.‌

टीम इंडिया के पूर्व कप्तान दिलीप वेंगसरकर भी भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) के रवैये से खुश नहीं हैं. 1983 क्रिकेट वर्ल्ड कप में विजेता टीम के सदस्य रहे वेंगसरकर ने चयनकर्ताओं को भी खरी-खोटी सुनाई. वेंगसरकर का मानना है कि सेलेक्टर्स में विजन की कमी रही है और वे फ्यूचर कैप्टन तैयार करने में विफल रहे. वेंगसरकर ने कहा कि आईपीएल का आयोजन करना और मीडिया राइट्स के जरिए करोड़ों रुपये कमा लेना बड़ी उपलब्धि नहीं है. वेंगसरकर ने हिन्दुस्तान टाइम्स को दिए इंटरव्यू में कहा, 'दुर्भाग्यपूर्ण चीज यह है कि पिछले छह-सात सालों में मैंने जिन चयनकर्ताओं को देखा है, उनमें न तो विजन है, न ही खेल के बारे में गहरी जानकारी है और न ही क्रिकेट की समझ. उन्होंने शिखर धवन को भारत का कप्तान बनाया क्योंकि उस समय दो टूर ओवरलैप हो गए और मुख्य खिलाड़ी अनुपलब्ध थे. यहीं पर आप भविष्य के कप्तान को तैयार कर सकते थे.'

वेंगसरकर ने आगे कहा, 'आपने किसी को तैयार नहीं किया है. आप बस आते ही खेलते हैं. आप दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड होने की बात करते हैं, बेंच स्ट्रेंथ कहां है? सिर्फ आईपीएल होना, मीडिया राइट्स से करोड़ों रुपये कमाना, यही एकमात्र उपलब्धि नहीं होनी चाहिए.' दिलीप वेंगसरकर 2006-08 के दौरान टीम इंडिया के चीफ सेलेक्टर रहे थे. वेंगसरकर के चीफ सेलेक्टर रहने के दौरान ही महेंद्र सिंह धोनी टीम इंडिया के कप्तान बने थे. साथ ही वेंगसरकर के कार्यकाल के दौरान विराट कोहली को पहली बार टीम इंडिया में मौका मिला था. वेंगसरकर ने खराब फॉर्म के चलते वीरेंद्र सहवाग को टीम से बाहर का रास्ता दिखाया था.

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