आईपीएल 2022 से टूर्नामेंट में 10 टीमें होंगी, 7 कंपनियों में हुई टक्कर, जानिए किसने कितनी बोली लगाई

दिग्गज उद्योगपति संजीव गोयनका और अंतरराष्ट्रीय इक्विटी फर्म इरेलिया कंपनी पीटीई लिमिटेड (सीवीसी कैपिटल) ने आईपीएल की दो नई टीमों के लिए कुल 12,715 करोड़ रुपये की बोली लगाई.

Update: 2021-10-26 05:45 GMT

आईपीएल की दो नई टीमों (IPL New Team) से पर्दा उठ चुका है. अब आईपीएल 2022 से लखनऊ (Lucknow) और अहमदाबाद (Ahmedabad) की टीमें भी टूर्नामेंट में खेलती दिखाई देंगी. दिग्गज उद्योगपति संजीव गोयनका और अंतरराष्ट्रीय इक्विटी फर्म इरेलिया कंपनी पीटीई लिमिटेड (सीवीसी कैपिटल) ने आईपीएल की दो नई टीमों के लिए कुल 12,715 करोड़ रुपये की बोली लगाई. बोली के दौरान सिर्फ तीन शहरों अहमदाबाद, लखनऊ और इंदौर के लिए बोली लगी. गोयनका के आरपी-एसजी समूह को लखनऊ की टीम मिली जबकि सीवीसी कैपिटल ने अहमदाबाद की टीम को खरीदा. गोयनका ने टीम के लिए 7090 करोड़ रुपये की सबसे बड़ी बोली लगाई और लखनऊ फ्रेंचाइजी हासिल की. वहीं सीवीसी कैपिटल ने 5625 करोड़ रुपये के साथ अहमदाबाद की फ्रेंचाइजी अपने नाम की.

नई टीमों की बोली प्रक्रिया लगभग सात घंटे चली. बीसीसीआई ने गहन जांच के बाद विजेताओं की घोषणा की. इसमें वित्तीय बोली दस्तावेजों को खोलने के बाद तकनीकी जांच भी शामिल थी. तकनीकी जांच के बाद अंतिम दौर की बोली लगाने की पात्र कंपनियां आरपी-एसजी, अडानी समूह, एचटी मीडिया प्राइवेट लिमिटेड, टोरेंट फार्मा, ओरबिंदो फार्मा, आल कार्गो, सीवीसी, कनसोर्टियम (समूह) वाला कोटक समूह और मैनचेस्टर यूनाईटेड के स्वामित्व वाले ग्लेजर्स अपनी इक्विटी फर्म के जरिए थे.
धोनी से जुड़ी कंपनी ने भी की कोशिश
पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की प्रबंधन फर्म के रूप में पहचानी जाने वाली रिती स्पोर्ट्स ने भी बोली लगाई थी लेकिन इसे तकनीकी स्तर पर इसलिए खारिज कर दिया गया क्योंकि अधिकारियों का मानना था कि यह ऐसे उद्योगपति से जुड़ी है जिसके रिश्तेदारों के पास पहले से आईपीएल फ्रेंचाइजी का स्वामित्व है. इस तरह अनजान कंपनी आल कार्गो कंपनी ने भी काफी ध्यान खींचा क्योंकि माना जाता है कि इसे बीसीसीआई के एक ताकतवर प्रशासक और विरोधी पार्टी के एक जाने माने राजनेता का समर्थन हासिल है.
अडानी-ग्लेजर पिछड़े
फ्रेंचाइजी को खरीदने की दौड़ में पिछड़ने वाली बड़ी कंपनियों में गौतम अडानी का अडानी समूह शामिल है जिसने लगभग पांच हजार करोड़ रुपये की बोली लगाई थी. फुटबॉल क्लब मैनचेस्टर यूनाईटेड का स्वामित्व रखने वाले ग्लेजर और टोरेंट समूह की बोली भी शीर्ष दो बोली में शामिल नहीं रही. अडानी समूह के प्रतिनिधि बोली के दौरान बीसीसीआई के एक प्रायोजक के साथ आए थे जिसे बाद में परिसर से जाने को कहा गया क्योंकि यह नियमों का उल्लंघन था.
22 कंपनियों ने खरीदे थे टेंडर डॉक्यूमेंट
बाइस कंपनियों ने 10 लाख रुपये का निविदा दस्तावेज खरीदा था लेकिन नई टीमों का आधार मूल्य दो हजार करोड़ रुपये होने के कारण सिर्फ पांच या छह गंभीर दावेदार ही दौड़ में थे. गोयनका की लगभग एक अरब डॉलर की बोली बड़ी धनराशि है और लीग के इतिहास की संभवत: सबसे बड़ी बोली है. नई टीमों के लिए शीर्ष सात कंपनियों की बोली राशि इस प्रकार रही-
सभी राशि (करोड़ भारतीय रुपये में)
1) आरपीएसजी: 7090 (अहमदाबाद), 7090 (लखनऊ) 4790 (इंदौर)
2) इरेलिया पीटीई लिमिटेड (सीवीसी): 5625 (अहमदाबाद), 5166 (लखनऊ)
3) अडानी स्पोर्ट्सलाइन: 5100 (अहमदाबाद), 5100 (लखनऊ)
4) आल कार्गो: 4124 (अहमदाबाद), 4304 (लखनऊ)
5) ग्लेजर्स (मैनचेस्टर यूनाइटेड) : 4128 (अहमदाबाद), 4024 (लखनऊ)
6) कोटक समूह: 4513 (अहमदाबाद), 4512 (लखनऊ)
7) टोरेंट फार्मा: 4653 (अहमदाबाद), 4300 (लखनऊ)


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