नई दिल्ली: इंडियन प्रीमियर लीग (2022) पर एक बार फिर सट्टेबाजी का साया आया है. केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शनिवार को आईपीएल सट्टेबाजी से जुड़े मामले में केस दर्ज किया है और कई जगह छापेमारी भी की है. इतना ही नहीं सीबीआई को शक है कि पाकिस्तान से ये सब मैनेज किया जा रहा था और आईपीएल के मैचों के नतीजों को बदलने की कोशिश की जा रही थी. ये पूरा मामला क्या है और कैसे ये पूरा खेल हो रहा था, समझिए...
सीबीआई ने जो मामले दर्ज किए हैं, वह आईपीएल 2019 से जुड़े हैं. सीबीआई ने अपनी एफआईआर में इस बात का ज़िक्र किया है कि पाकिस्तान से ये सब मैनेज हो रहा था और कोशिश थी कि आईपीएल मैचों के नतीजों को बदला जा सके.
इस मामले में सीबीआई ने अभी दो केस दर्ज किए हैं. ये मामला आम लोगों से सट्टेबाजी में पैसा लगाने और उन्हें गुमराह करने से जुड़ा है. ये सब कैसे किया जा रहा था इसके बारे में भी सीबीआई ने अपनी एफआईआर में जिक्र किया है. सीबीआई ने इस मामले में दिल्ली, हैदराबाद, राजस्थान समेत चार जगहों पर छापे मारे थे.
सीबीआई का कहना है कि आरोपियों द्वारा बैंक खाते खुलवाए गए थे, फर्जी पहचान-KYC फॉर्म की मदद से ये सब किया गया था. बैंक में सभी गलत जानकारी दी गई थी और अधिकारियों ने इसपर गौर नहीं किया. एफआईआर में ये भी बताया गया कि 2013 से ही ये पूरा जाल फैला हुआ था और हवाला के जरिए पैसा लगाया जा रहा था.
इसमें एजेंसी ने कुछ लोगों पर एक्शन भी लिया है, इसमें दिल्ली के निवासी दिलीप कुमार, हैदराबाद के जी. सतीश शामिल हैं. ये दोनों वगास मलिक नाम के पाकिस्तानी व्यक्ति के संपर्क में थे और सारी डिलिंग करते थे. दिलीप कुमार के खाते में करीब 43 लाख रुपये पाए गए हैं, जबकि राजस्थान से जुड़े कुछ अन्य लोगों का नाम भी इस पूरे रैकेट में शामिल है.
आपको बता दें कि आईपीएल 2022 के दौरान भी देश के अलग-अलग हिस्सों में सट्टेबाजी से जुड़े मामले सामने आए. कोलकाता, दिल्ली के अलावा अन्य कुछ राज्यों में अलग-अलग समय पर छापेमारी के दौरान कई लोगों को पकड़ा भी गया है. लेकिन आईपीएल-2019 से जुड़े इस मामले में सीबीआई का एक्शन होना बड़ी बात है.