19 साल की उम्र में टेस्ट डेब्यू करने वाले गेंदबाज ने मचाई तबाही
इंटरनेशनल क्रिकेट में हर खिलाड़ी चाहता है उसका डेब्यू सपनों सरीखा हो, बल्लेबाज का सपना अपने पहले मैच में शतक लगाना होता है और टेस्ट डेब्यू को तो हर बल्लेबाज यादगार बनाना चाहता है.
इंटरनेशनल क्रिकेट में हर खिलाड़ी चाहता है उसका डेब्यू सपनों सरीखा हो, बल्लेबाज का सपना अपने पहले मैच में शतक लगाना होता है और टेस्ट डेब्यू को तो हर बल्लेबाज यादगार बनाना चाहता है. ऐसे ही गेंदबाज भी चाहते हैं कि वह पहले मैच में कुछ कमाल कर दे ऐसा, जिसे दुनिया याद करे. लेकिन ऐसी सफलता सबको नसीब नहीं होती है. कुछ सफलता का स्वाद चखते हैं और बाकियों के हाथ मामूली सफलता मिलती है.
बल्लेबाज हो या गेंदबाज टेस्ट में दो पारियां होती हैं, लेकिन दोनों पारियों में बिरले खिलाड़ी ही कमाल कर पाते हैं और यह प्रदर्शन उनकी जिंदगी भर के लिए पहचान बन जाता है. ऐसे ही एक खिलाड़ी और भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा रहे नरेंद्र हिरवानी हैं. 18 अक्टूबर को उनका जन्मदिन होता है और हम उनसे जुड़े किस्से लेकर आए हैं.
नरेंद्र हिरवानी को कौन नहीं जानता?
नरेंद्र हिरवानी, भारत में क्रिकेट की जानकारी रखने वाला हर शख्स इस नाम से परिचित होगा. हिरवानी उस गेंदबाज का नाम है, जिसने अपने टेस्ट डेब्यू में ही हैरतअंगेज गेंदबाजी कर वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों को धूल चटा दी थी और उन्होंने इस दौरान ऐसा विश्व रिकॉर्ड बना दिया, जिसे तोड़ना 34 साल से असंभव बना हुआ है. पूर्व भारतीय स्पिनर नरेंद्र हिरवानी का जन्म 18 अक्टूबर 1968 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में हुआ था. वह मंगलवार 18 अक्टूबर को 54 साल के हो गए हैं.
टेस्ट डेब्यू पर हैरतअंगेज गेंदबाजी से चौंकाया
छोटी उम्र में ही नरेंद्र हिरवानी मध्य प्रदेश शिफ्ट हो गए थे, यहां के इंदौर में उन्होंने संजय जगदाले से क्रिकेट के गुर सीखे और अपनी लेग स्पिन को धार दी. सिर्फ 16 साल में ही एमपी की रणजी टीम में अपनी जगह बना ली. फर्स्ट क्लास क्रिकेट में अच्छे प्रदर्शन का इनाम उन्हें 1988 में वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू सीरीज में मौके के रूप में मिला. 19 साल की उम्र में हिरवानी को चेन्नई में हुए चौथे टेस्ट के लिए टीम में जगह मिल गई. लेकिन इस युवा गेंदबाज नेअपनी फिरकी से विंडीज की बैटिंग लाइन को तहस नहस कर दिया था.
हिरवानी ने पहली पारी में 18.3 ओवरों में सिर्फ 61 रन देकर 8 विकेट अपने नाम कर लिए और करियर का शानदार आगाज किया. इसके बाद दूसरी पारी में भी बेहतरीन अंदाज में गेंदबाजी की और फिर वेस्डइंडीज के बल्लेबाजों का पुलिंदा बांध दिया. हिरवानी ने दूसरी पारी में 15.2 ओवरों में 75 रन देकर फिर 8 विकेट अपने नाम किए और विंडीज पारी को 160 रन पर समेट कर भारत को 255 रनों से जीत दिलाई.